इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 12 हिन्दी के गद्य भाग के पाठ दो ‘उसने कहा था (Usne Kaha Tha Class 12th Hindi Notes)’ को पढ़ेंगे।
2. उसने कहा था
लेखक- चंद्रधर शर्मा गुलेरी
लेखक परिचय
जन्म- 7 जुलाई 1883, निधन- 12 सितंबर 1922
जन्म स्थान – जयपुर, राजस्थान
मूल निवास– गुलैर नामक ग्राम, जिला- कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
रचनाएँ-
कहानियाँ- सुखमय जीवन, बुद्धू का कांटा, उसने कहा था
निबंध- कछुआ धरम, मारेसि मोहिं कुठाँव, पुरानी हिन्दी, भारतवर्ष, डिंगल, संस्कृत की टिपरारी, देवनां प्रिय आदि।
अंग्रेजी में- ए पोयम बाय भास, ए कमेंटरी ऑन वात्स्यायंस कामसूत्र, दि लिटेररी कृटिसिज्म आदि।
उसने कहा था कहानी का सारांश
उसने कहा था कि ‘चन्द्रधर शर्मा गुलेरी’ ने लिखी गई यह कहानी एक अमर रचना है। इस कहानी की शुरुआत अमृतसर के भीड़ भरे बाजार से होती है, जहां बारह साल के लड़के ने एक 8 साल की लड़की को तांगे के नीचे आने से बचाया। फिर लड़का लड़की से पूछता है कि क्या तुम्हारी मंगनी हो गई है, लेकिन लड़की उसे धत कहकर भाग जाती है। दोनों बाजार में अक्सर कभी सब्जीवाले तो कभी दूध वाले के यहां मिलते और लड़का बार-बार उससे यही प्रश्न पूछता है। कुछ दिनों बाद, जब लड़का उस लड़की से फिर से पूछता है तो वह कहती है कि हाँ, मेरी कुड़माई (मंगनी) हो गई। इस बात से लड़का उदास हो जाता है।
इस घटना के बाद वह लड़का सेना में भर्ती होता है और अंग्रेजों की ओर से फ्रांस में लड़ने जाता है। उस समय सेना में सूबेदार हजारा सिंह, जमादार लहना सिंह, वजीरा सिंह और बोधा सिंह के बीच प्रेम, शौर्य और मस्ती की चर्चाएँ होती हैं। बोधा सिंह बीमार हो जाता है और लहना सिंह उसका पूरा ख्याल रखता है।एक बार की बात है जब लहना सिंह सुबेदार हजारा सिंह के घर घूमने जाता है तो सुबेदार की पत्नी पहचान जाती है कि वह वहीं लड़का है, जो उससे बचपन में पूछता रहता था कि क्या तेरी कुड़माई हो गई है। लहना सिंह भी उसे पहचान जाता है। जब लहना सिंह उसके घर से जा रहा था तो सुबेदार की पत्नी उसे बुलाकर कहती है कि मेरे पति हजारा सिंह और बेटा बोधा सिंह का ख्याल रखना।
इंगलैंड से सुबेदार हजारा सिंह, उसके बेटा बोधा सिंह, दोस्त वजिरा सिंह और लहना सिंह जंगल में लड़ाई के लिए जाते हैं। जब जर्मन सेना इन लोगों पर हमला करती है, तब लहना सिंह अपनी जान की परवाह किए बिना जर्मन सैनिकों को हरा देता है और अपने साथियों की रक्षा करता है। लड़ाई के दौरान हजारा सिंह, लहना सिंह और बोध सिंह घायल हो जाते हैं। जब एम्बुलेंस आती है, तो इसमें जगह कम होने के कारण घायल लोगों को बैठाने के लिए लहना सिंह बोधा सिंह और हजारा सिंह को जगह देता है और सुबेदार हजारा सिंह से कहता है कि सुबेदारीन से बताना कि ‘उसने जो कहा था’ कर दिया। अगली सुबह अखबार में लोग पढ़ते हैं कि सिख राइफल जमादार हजारा सिंह घायल होकर मर गये थे।
इंगलैंड से सुबेदार हजारा सिंह, उसके बेटा बोधा सिंह, दोस्त वजिरा सिंह और लहना सिंह जंगल में लड़ाई के लिए जाते हैं। जब जर्मन सेना इन लोगों पर हमला करती है, तब लहना सिंह अपनी जान की परवाह किए बिना जर्मन सैनिकों को हरा देता है और अपने साथियों की रक्षा करता है। लड़ाई के दौरान हजारा सिंह, लहना सिंह और बोध सिंह घायल हो जाते हैं। जब एम्बुलेंस आती है, तो इसमें जगह कम होने के कारण घायल लोगों को बैठाने के लिए लहना सिंह बोधा सिंह और हजारा सिंह को जगह देता है और सुबेदार हजारा सिंह से कहता है कि सुबेदारीन से बताना कि ‘उसने जो कहा था’ कर दिया। अगली सुबह अखबार में लोग पढ़ते हैं कि सिख राइफल जमादार हजारा सिंह घायल होकर मर गये थे।
Usne Kaha Tha Class 12th Hindi Notes
Read More – click here
YouTube Video – click here