BSEB Class 10 Sanskrit Ch 14 शास्त्रकाराः | Shastrakara Class 10th Solution Notes

इस पोस्‍ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्‍कृत के पाठ 14 ‘शास्त्रकाराः (Shastrakara Class 10th Solution Notes)’ के व्‍याख्‍या और सभी ऑब्‍जेक्टिव प्रश्‍नों के उत्तर को पढ़ेंगे।

Shastrakara Class 10th Solution Notes

14. शास्त्रकाराः (शास्त्र रचयिता)

पाठ परिचय

यह टेक्स्ट एक नया संवादात्मक रूप है, जो भारतीय पुरातत्व और उसके प्रमुख रचनाकारों का परिचय देता है। इससे भारतीय सांस्कृतिक धन के प्रति अधिक समझ आएगी, और यह पाठ इस उद्देश्य को पूरा करता है।

14. शास्त्रकाराः (शास्त्र रचयिता)

भारत में शास्त्रों की एक महत्वपूर्ण परंपरा होती है। शास्त्र हमारे सभी ज्ञान के स्रोत होते हैं। इस पाठ में प्रमुख शास्त्रों का निर्देश दिया गया है और उनके लेखकों का विवरण भी दिया गया है। इस पाठ में मनोरंजन के लिए प्रश्नोत्तर शैली का उपयोग किया गया है।

 Class 10th Sanskrit Chapter 14 Shashtrakara शास्त्रकाराः (शास्त्र रचयिता)

शिक्षक कक्षा में प्रवेश करते हैं और छात्र उनका सादर अभिवादन करते हैं।
शिक्षक: सभी बैठ जाएं। आज आप सभी को संस्कृत शास्त्रों के बारे में परिचय दिया जाएगा।
युवराज: गुरुदेव, शास्त्र क्या होता है?
शिक्षकः कहते हैं कि शास्त्र एक ऐसी चीज है जो ज्ञान का शासक होता है। यह मानव के कर्तव्य और अकर्तव्य के विषयों की शिक्षा देता है। आजकल शास्त्र ही अध्ययन का विषय है और पश्चिमी देशों में अनुशासन भी कहा जाता है। इसके बाद भी शास्त्र का लक्षण धर्मशास्त्रों में होता है।

प्रवृत्तिर्वा निवृत्तिर्वा नित्येन कृतकेन वा।
पुंसां येनोपदिश्येत तच्छास्त्रमभिधीयते।

अर्थ- मानवों को जिससे संसारिक विषयों में अनुरक्ति या विरक्ति या मानव रचित विषयों का उचित ज्ञान मिलता है, उसे धर्मशास्त्र कहा जाता है। यह तात्पर्य है कि जिस शास्त्र से किस आचरण को अपनाया जाए और किस आचरण को त्यागा जाए का ज्ञान प्राप्त हो, उसे धर्मशास्त्र कहते हैं।
अभिनव- अर्थात् शास्त्र मानवों के कर्त्तव्य और अकर्त्तव्य का बोध कराता है। शास्त्र नित्य वेद की तरह होता हो या फिर ऋषियों द्वारा रचित होता हो, यह बात उसमें निहित ज्ञान की महत्ता को नहीं कम करती।
शिक्षकः- सभी लोग सहित ध्यान से सुनो। शिक्षा उच्चारण प्रक्रियाओं को समझाती है। पाणिनीय शिक्षा इसका प्रसिद्ध ग्रंथ है। कल्प कर्मकांड का सूत्रात्मक ग्रंथ है।
बौधायन, भारद्वाज, गौतम और वसिष्ठ आदि ऋषियों ने इस शास्त्र की रचना की। व्याकरण पाणिनि द्वारा प्रसिद्ध हुआ। शिक्षक ने अपने छात्रों से कहा कि वे सावधान रहें। शिक्षा उच्चारण क्रिया के ज्ञान को सिखाती है। पाणिनि की शिक्षा उसकी प्रसिद्ध ग्रंथ है। कल्प सूत्रों की श्रृंखला के अनुसार बनाए गए कर्मकांड ग्रंथ होते हैं। निरुक्त का काम वेदों के अर्थ को समझना है। यास्क ने उसे रचनात्मक रूप से लिखा। छंद शास्त्र पिङ्गल द्वारा रचित सूत्रों के ग्रंथ में प्रवर्तित हुआ। ज्योतिष शास्त्र वेदांग ज्योतिष ग्रंथ के लिए लगध द्वारा रचित हुआ।
अब्राहमः – क्या इन सभी लोगों को ही शास्त्रकार कहा जाता है?
शिक्षकः – नहीं नहीं। ये सभी प्रवर्तक हैं। वास्तव में इन शास्त्रों को पूर्वजों द्वारा चलाया गया है। हालांकि, इस देश में छः दर्शनशास्त्रों को चलाया जाता है।
श्रुतिः- आचार्य जी! कौन-कौन से लोग दर्शनशास्त्र को चलाते हैं?
गार्गी ने अपने गुरु से पूछा, “गुरुदेव! आप वैज्ञानिक शास्त्रों के बारे में क्यों नहीं बोलते हैं?”
शिक्षक- तुम कहते हो। प्राचीन भारत में विज्ञान की अलग-अलग शाखाओं के शास्त्र प्रचलित थे। आयुर्वेद शास्त्र में चरक संहिता और सुश्रुतसंहिता शास्त्रकार के नाम से प्रसिद्ध हैं। वहाँ रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान भी होते थे। ज्योतिष शास्त्र में भी खगोल विज्ञान, गणित और अन्य शास्त्र होते हैं। आर्यभट की पुस्तक आर्यभटीय नाम से प्रसिद्ध है।
एवं वराहमिहिरस्य बृहत्संहिता विशालो ग्रन्थः यत्र नाना विषयाः समन्विताः। वास्तुशास्त्रमपि अत्र व्यापक शास्त्रमासीत्। कृषिविज्ञानं च पराशरेण रचितम्। वस्तुतो नास्ति शास्त्रकाराणाम् अल्पा संख्या।
यहाँ वराहमिहिर की बृहत्संहिता एक बहुत बड़ी पुस्तक है जिसमें कई विषय शामिल हैं। इसमें वास्तुशास्त्र भी एक व्यापक शास्त्र था और कृषि विज्ञान पराशर द्वारा रचित हुआ था। वास्तव में शास्त्रकारों की अल्प संख्या थी।
वर्गनायकः- गुरुदेव ! अद्य बहुज्ञातम्। प्राचीनस्य भारतस्य गौरवं सर्वथा समृद्धम्
वर्गनायकः- गुरुदेव! आज बहुत जानकारी हुई। प्राचीन भारत का गौरव हमेशा समृद्ध रहा है।
(शिक्षकः वर्गात् निष्क्रामति। छात्राः अनुगच्छन्ति)
(शिक्षक वर्ग से बाहर निकलते हैं। छात्र उनके पीछे-पीछे चलते हैं।)

Shastrakara Class 10th Solution Notes

14. शास्त्र कारा: (शास्त्र रचयिता) विषयनिष्‍ठ प्रश्‍न
—संवाद
लघु-उत्तरीय प्रश्नोत्तर (20-30 शब्दों में) ____दो अंक स्तरीय

प्रश्‍न 1. शास्त्रमानवेभ्यः किं शिक्षयति? (2018A
उत्तर- शास्त्र मनुष्य को उसके कर्तव्य और अकर्तव्य का ज्ञान देता है। शास्त्र ज्ञान का शासक होता है। सुकर्म और दुष्कर्म, सत्य और असत्य जैसी जानकारी केवल शास्त्र से ही प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्‍न 2. षट् वेदांगों के नाम लिखें। (2020AІІ
उत्तर- षट् वेदांग नामक छह अंग हैं – शिक्षा, कल्प, व्यारण, निरूक्त, छंद और ज्योतिष।

प्रश्‍न 3. भारतीय दर्शनशास्त्र और उनके प्रवर्त्तकों की चर्चा करें। (2020AІ)
उत्तर- भारतीय दर्शनशास्त्र के छः प्रमुख दर्शन हैं। इनमें से सांख्य दर्शन का प्रवर्तक कपिल, योग दर्शन का प्रवर्तक पतञ्जलि, न्याय दर्शन का प्रवर्तक गौतम, वैशेषिक दर्शन का प्रवर्तक कणाद, मीमांसा दर्शन का प्रवर्तक जैमिनी और वेदांत दर्शन के प्रवर्तक बादरायण ऋषि हैं।

प्रश्‍न 4. ज्योतिषशास्त्र के अन्तर्गत कौन-कौन शाखा तथा उनके प्रमुख ग्रन्थ कौन से हैं? (2018A)
उत्तर- ज्योतिष शास्त्र के अन्तर्गत खगोल विज्ञान, गणित और अन्य शास्त्र होते हैं। आर्यभट्टीयम, वृहत्संहिता जैसे कुछ प्रमुख ग्रन्थ भी इसमें शामिल होते हैं।

प्रश्‍न 5. कल्प ग्रन्थों के प्रमुख रचनाकारों का नामोल्लेख करें। (2018A)
उत्तर- कल्पग्रंथों के प्रमुख रचनाकार बौधायन, भारद्वाज, गौतम, वशिष्ठ आदि हैं।

प्रश्‍न 6. शास्त्र मनुष्यों को किन-किन चीजों का बोध कराता है? (2013A,2014A)
उत्तर- शास्त्र मनुष्यों को कर्तव्य और अकर्तव्य के बारे में शिक्षा देता है। इससे सत्य और असत्य की पहचान होती है और यह भी बतलाता है कि कौन से काम सही हैं और कौन से काम गलत हैं।

प्रश्‍न 7. वेदांग कितने हैं? सभी का नाम लिखें। (2013A, 2015C)
अथवा, वेद कितने हैं? सभी के नाम लिखें। (2014C)
अथवा, वेदांगों के नाम लिखें। (2018A)
उत्तर- वेदांग शब्द के अर्थ होते हैं वेद के अंग। ये छह अंग हैं- शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द और ज्योतिष जो वेद संहिता के व्याख्यान, पद्धति तथा भाषा के बारे में जानकारी देते हैं।

प्रश्‍न 8. शास्वकाराः पाठ में किस विषय पर चर्चा की गई है? (2013A)
उत्तर- शास्त्रकारों का पाठ हमें शास्त्रों के माध्यम से सदगुणों को सीखने के लिए प्रेरित करता है। इससे हमें अच्छे संस्कार की सीख मिलती है और यश प्राप्ति के उपायों की भी सीख मिलती है।

प्रश्‍न 9. शास्त्रकाराः‘ पाठ के आधार पर संस्कृत की विशेषता बताएँ। (2016A)
उत्तर- ‘शास्त्रकाराः’ पाठ में भारतीय ज्ञान-विज्ञान संस्कृत शास्त्रों में वर्णित हैं। संस्कृत भाषा में ही वेद, वेदांग, उपनिषद् तथा दर्शनशास्त्र रचित हुए हैं। इस प्रकार संस्कृत शास्त्रों के माध्यम से हमें कर्तव्य-अकर्तव्य, संस्कार, अनुशासन आदि की शिक्षा प्राप्त होती है।

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प्रश्‍न 10. ‘शास्वकारा:’ पाठ के आधार पर शास्त्र की परिभाषा अपने शब्दों में लिखें। (2017A)
उत्तर- शास्त्र वह ज्ञान है जो सांसारिक विषयों से आसक्ति या विरक्ति, स्थायी और अस्थायी उपदेश या कृत्रिम बोलता है जो मनुष्यों को उनके कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध कराता है। शास्त्र ज्ञान का शासक होता है जो मानवों के लिए उपयोगी होता है।

14. शास्त्र कारा: (शास्त्र रचयिता) Objective Questions 

प्रश्‍न 1. न्यायदर्शन के प्रवर्तक कौन हैं?
(A) कपिल
(B) गौतम
(C) कणाद
(D) पतंजली

उत्तर- (B) गौतम

प्रश्‍न 2. आर्य भट्टीयम किसकी रचना है?
(A) पराशर की
(B) चरक की
(C) सुश्रुत की
(D) आर्यभट्ट की

उत्तर- (D) आर्यभट्ट की

प्रश्‍न 3. शास्त्र मानवों को किसका बोध कराता है?
(A) समझ
(B) कर्तव्याकर्तव्य
(C) मन    
(D) चिंता

उत्तर- (B) कर्तव्याकर्तव्य

प्रश्‍न 4. वेदरूपी शास्त्र क्या होता है?
(A) अनित्य
(B) नित्य
(C) कृत्य    
(D) भृत्य

उत्तर- (B) नित्य

प्रश्‍न 5. वराहमिहिर द्वारा रचित ग्रंथ कौन-सा है?
(A) आचार संहिता
(B) विचार संहिता
(C) वृहतसंहिता     
(D) मंत्रसंहिता

उत्तर- (C) वृहतसंहिता

प्रश्‍न 6. ऋषयादि प्रणीत को क्या कहते हैं?                                                            
(A) भृतक   
(B) मृतक
(C) कृतक   
(D) हृतक

उत्तर- (C) कृतक

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प्रश्‍न 7. ऋषि गौतम ने किस दर्शन की रचना की?
(A) सांख्य दर्शन
(B) न्याय दर्शन
(C) योग दर्शन   
(D) चन्द्र दर्शन

उत्तर- (B) न्याय दर्शन

प्रश्‍न 8. निरुक्त का क्या कार्य है?
(A) यथार्थ बोध
(B) वेदार्थ बोध
(C) अर्थ बोध   
(D) तत्त्व बोध

उत्तर- (B) वेदार्थ बोध

प्रश्‍न 9. शास्त्र किसके लिए कर्त्तव्यों और अकर्तव्य का विधान करते हैं?                                 
(A) दानवों के लिए  
(B) मानवों के लिए
(C) छात्रों के लिए   
(D) पशुओं के लिए

उत्तर- (B) मानवों के लिए

प्रश्‍न 10. मीमांसा दर्शन के रचनाकार कौन हैं?
(A) जैमिनी   
(B) पाणिनी
(C) पराशर  
(D) सुश्रुत

उत्तर- (A) जैमिनी

प्रश्‍न 11. महर्षि यास्क द्वारा रचित ग्रंथ का क्या नाम है?
(A) निरूक्तम्  
(B) शुल्ब सूत्र
(C) न्यायदर्शन
(D) चरक संहिता

उत्तर- (A) निरूक्तम्

प्रश्‍न 12. भारतवर्ष में किसकी महती परम्परा सुनी जाती है?
(A) पुस्तक  
(B) ग्रंथ
(C) शास्त्र   
(D) कोई नहीं

उत्तर- (C) शास्त्र

प्रश्‍न 13. वर्ग में कौन प्रवेश करता है?
(A) शिक्षक  
(B) छात्र
(C) प्राचार्य  
(D) लिपिक

उत्तर- (A) शिक्षक

प्रश्‍न 14. किसके छः अंग हैं?
(A) रामायण
(B) महाभारत
(C) पुराण     
(D) वेद

उत्तर- (D) वेद

प्रश्‍न 15. छात्र किसका अभिवादन करते हैं?
(A) शिक्षक
(B) बालक
(C) राजा   
(D) छात्र

उत्तर- (A) शिक्षक

प्रश्‍न 16. किसका व्याकरण प्रसिद्ध है?
(A) व्यास   
(B) पाणिनी
(C) चाणक्य
(D) आर्यभट्ट

उत्तर- (B) पाणिनी

प्रश्‍न 17. वेदांग कितने हैं?
(A) तीन   
(B) पाँच
(C) छः   
(D) चार

उत्तर- (C) छः

प्रश्‍न 18. ज्योतिष के रचयिता कौन हैं?
(A) व्यास  
(B) पाणिनी
(C) लगधर 
(D) यास्क

उत्तर- (C) लगधर

प्रश्‍न 19. कर्मकांड के रचनाकार कौन हैं?
(A) व्यास     
(B) गौतम
(C) चाणक्य
(D) यास्क

उत्तर- (B) गौतम

प्रश्‍न 20. छंद के रचयिता कौन हैं?
(A) व्यास    
(B) पाणिनी
(C) पिंगल  
(D) यास्क

उत्तर- (C) पिंगल

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