History Ch 6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन Shahrikan ewam shahri jeevan 10th solutions

इस पोस्‍ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 के सामाजिक विज्ञान इतिहास के पाठ छ: शहरीकरण एवं शहरी जीवन (Shahrikan ewam shahri jeevan 10th solutions) को पढ़ेंगे।

Shahrikan ewam shahri jeevan 10th solutions

6. शहरीकरण एवं शहरी जीवन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. किन तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हुई ?

उत्तर :- तीन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहर की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई। पहला औद्योगिक पूँजीवादी का उदय,  दूसरे विश्व के विशाल भू-भाग पर उपनिवेश शासक की स्थापना और तीसरा लोकतांत्रिक आदर्श का विकास।

2. समाज का वर्गीकरण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में किस अभिनेता के आधार पर किया जाता है?

उत्तर :- समाज का वर्गीकरण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र के आधार पर किया जाता है। गाँव की आबादी कम होती है।नगर की ज्यादा, गाँव में खेती और पशुपालन मुख्य आजीविका है, शहर में व्यापार और उत्पादन, गाँव में प्राकृतिक वातावरण स्वच्छ, शहर में प्रदूषित, शिक्षा अधिक होती है।

3. आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण का नगरीय बनावट के दो प्रमुख आधार क्या है ?

उत्तर :- आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय के दो कारण आधार हैं। जनसंख्या का घनत्व तथा कृषि आधारित आर्थिक क्रियाओं का अनुपात नगरों में जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। गांव की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि संबंधित व्यवसाय से जुड़ा है।

4. गाँव के कृषिजन्य आर्थिक क्रियाकलापों की विशेषता को दर्शाए।

उत्तर :- शहरों तथा नगरों में गाँव की कृषि जन्य क्रियाकलापों में एक बड़े भाग के आधार पर भी अलग किया जाता है।  दूसरे शब्दों में गाँव की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि व्यवसाय से जुड़ा है।

5. शहर किस प्रकार की क्रियाओं के केंद्र होते हैं?

उत्तर :- शहर व्यापार और संबंधित क्रियाओं से होते हैं।  यहा शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य व बेरोजगार की बेहतर संभावनाएँ होती है। जिसके कारण लोग गाँव से शहर की ओर जाते हैं। आधुनिक काल से पूर्व व्यापार एवं धर्म शहरो की स्थापना के महत्वपूर्ण आधार थे।

6. नगरीय जीवन और आधुनिकता एक दूसरे से अभिन्न रूप से कैसे जुड़े हुए हैं?

उत्तर :- नगरीय जीवन और आधुनिकता एक दूसरे के पूरक है। और शहर को आधुनिकता का प्रतीक माना जाता हैं। जहाँ नित्य प्रति नई नई तकनीकी व विचार होता है। नगरीय जीवन और आधुनिकता एक दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं।

7. नगरों में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक है।ऐसी मान्यता क्यों बनी है?

उत्तर :- नगर एक ओर मनुष्य का केंद्र, तथा दूसरी और सामाजिक, आर्थिक विशेषाधिकार प्राप्त थे। उन्हें सापेक्षिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं थी। शहर का जीवन विरोधी छवि और अनुभवो को दे रहा था।

8. नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना किस प्रकार के आंदोलन या प्रयास से बने?

उत्तर :- शहरी सभ्यता ने पुरुषों के साथ महिलाओं में भी भावनाओं को उत्पन्न किया। एवं परिवार के स्वरूप को पूरी तरह बदल दिया। महिलाओं के मताधिकार आंदोलन या विवाहित महिलाओं के लिए आंदोलन चलाए। लगभग 1870 ईसवी के बाद राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया।  समाज में महिलाओं में भी परिवर्तन आए आधुनिक महिलाओं ने समानता के लिए संघर्ष किया और समाज को कई रूपों में परिवर्तित करने से सहायता दी।

9. व्यवसाई पूंजीवाद ने किस प्रकार नगरों के उद्भव में अपना योगदान दिया?

उत्तर :- व्यवसायिक पूँजीवादी के बड़े पैमाने पर उत्पादन मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था जिसमें काम के बदले वेतन,मजदूर का नगद भुगतान, गतिशील एवं प्रतिजोगी अर्थव्यवस्था, मुनाफा ममुद्रा,बैंकिंग, साखा बिल विनिमय, अनुबंध कंपनी, साझेदारी, आदि पूँजीवादी व्यवस्था रही। नगरों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया

10. शाहरुख के उद्भव के माध्यम वर्ग की भूमिका किस प्रकार की रही?

उत्तर :- सौरव के उद्भव में मध्यम वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण रहा। बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में स्वीकार किया। इसका विभिन्न रूप है जैसे शिक्षक, वकील,चिकित्सक,इंजीनियर, क्लर्क, अकाउंटेंट्स, उनके जीवन आदर्श समान रहे आर्थिक स्थिति भी एक पर वेतनयोगी  वर्ग के रूप में है।

11. श्रमिक वर्ग का आगमन शहरों में किस परिस्थितियों के अंतर्गत हुआ?

उत्तर :- आधुनिक शहरों में एक और पूँजीपति वर्ग का उदय हुआ।  तो दूसरी ओर श्रमिक वर्ग का सामती व्यवस्था के अनुरूप विशेष अधिकारी प्राप्त वर्ग के द्वारा सर्वहारा वर्ग शोषण हुआ। शहर में फैक्ट्री प्रणाली की स्थापना के कारण कृषक वर्ग में थे।शहरों की ओर बेहतर रोजगार को देखते हुए भारी संख्या शहरों में श्रमिक वर्ग का दबाव काफी बढ़ गया।

12. शहरों ने की नई समस्याओं को जन्म दिया?

उत्तर :- शहरों में श्रमिकों की संख्या अधिक थी। शहरों ने एक नई समस्याओं को जन्म दिया। जिससे बेरोजगारी,उदासीनता, प्रदूषण यातायात, संबंधी समस्या आदि शहरों में नकारात्मक प्रवृत्ति को जन्म दिया है। जो संतुलित सामाजिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती है।

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 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. शहरों के विकास की पृष्ठभूमि एवं उसके प्रक्रिया पर प्रकाश डालें।

उत्तर :- शहर व्यक्ति को प्रदान करता है। आधुनिक काल से पूर्व व्यापार एवं धर्म शहरों की स्थापना के महत्वपूर्ण आधार थे। वह क्षेत्र जो बंदरगाहों के किनारे बसे थे जो धार्मिक स्थल के रूप में भारी संख्या को आकर्षित करते थे।

गाँव से शहरों का विकास एक प्रक्रिया है। मध्यकालीन संपत्ति सामाजिक एवं मध्यकालीन जीवन मूल्य तेरहवीं शताब्दी तक अपने शिखर पर थे। एक नई सामाजिक एवं राजनीतिक संरचना विकसित हुए नवीन राजनीतिक एवं आर्थिक अवधारणाओं को स्वीकार करती थी। आधुनिक सौरव के उदय का इतिहास लगभग 200 वर्ष पुराना है तीन ऐतिहासिक प्रक्रिया है।

(i) औद्योगिक पूंजीवाद का उदय।
(ii)  विश्व के विशाल भू-भाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना
(iii) लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास।

2. ग्रामीण तथा नगरीय जीवन के बीच की भिन्नता को स्पष्ट करें।

उत्तर :- गाँव और शहर के बीच काफी भिन्नता है। गाँव की आबादी कम होती है, नगर की ज्यादा। गाँव में खेती और पशुपालन मुख्य आजीविका है, शहर में व्यापार और उत्पादन, गाँव में प्राकृतिक वातावरण स्वच्छ है,शहर में प्रदूषित, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं शिक्षा,स्वास्थ्य, यातायात,संसार रहता है। शहरी व्यक्ति को संतुष्ट करने के लिए गांव में छोटे-छोटे मिट्टी तथा ईट के बने घर होते हैं। ग्रामीण जीवन में जहाँ सादगी देखने को मिलती है। वहीं अगर यह जीवन में ज्यादा चमक-दमक वक्त भागदौड़ देखने को मिलता है।

3. शहरी जीवन में किस प्रकार के सामाजिक बदलाव आए।

उत्तर :- शहरों में नए सामाजिक समूह बने। सभी वर्ग के लोग बड़े शहरों की ओर बढ़ने लगे। शहरी सभ्यता ने पुरुषों के साथ महिलाओं में भी व्यक्तिवाद भी की भावना को उत्पन्न किया,परिवार में भी स्वरूप को पूरी तरह बदल दिया। जहाँ परिवारिक संबंध अब तक बहुत मजबूत है महिलाओं के मताधिकार आंदोलन चला आंदोलन के माध्यम से महिलाएं लगभग 1827 ई.के बाद से राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले पाई आधुनिक काल में महिलाओं ने समानता के साथ संघर्ष किया।

शहरों की बढ़ती आबादी के साथ 19वीं शताब्दी में अधिकार आंदोलन चलाया गया। बड़े पैमाने पर उत्पादन जिसे काम के बदले वेतन,मजदूरी,मुद्रा, बैंकिंग, साख बिल, विनिमय बीमा, आदि इस पूँजीवादी व्यवस्था की विशेषता थी।

4. शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायिक वर्ग, मध्यम वर्ग एवं मजदूर वर्ग की भूमिका की चर्चा करें।

उत्तर :- शहरी करण की प्रक्रिया व्यवसायिक वर्ग,मध्यमवर्ग और का मजदूर वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बड़े पैमाने पर उत्पादन मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था स्वतंत्र उद्यमिता,बैंकिंग आदि शहरीकरण की प्रक्रिया को और आधुनिक तीव्र कर दिया।

माध्यम वर्ग :- शहरों के उद्भव ने मध्यम वर्गो को भी शक्तिशाली बनाया बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में स्वीकार किया।  विभिन्न रूप में कार्य करते रहे जैसे:-  शिक्षक, वकील, चिकित्सक इंजीनियर, क्लर्क आदि के जीवन मूल्य के आधार समान है।

श्रमिक वर्ग :- आधुनिक शहरों में जहां एक और पूँजीपति वर्ग का अभ्युदय  हुआ। दूसरी और श्रमिकों और वर्ग का ये अपना जीवन स्लम  में बिताए। धीरे-धीरे उन वर्गों में जागरूकता आई। और मजदूरों और कामों को घंटों के लिए आंदोलन शुरू हुआ, और शक्ति के रूप में  अर्थव्यवस्था व  शहरीकरण में  योगदान दिया।

5. एक औपनिवेशिक शहर के रूप में मुंबई शहर के विकास की समीक्षा करें।

उत्तर :- 19वीं शताब्दी के अंत तक मुंबई का विस्तार तृप्ता से हुआ। शुरुआत में मुंबई सात टापुओं का इलाका था। जैसे-जैसे आबादी बढ़ी इन टापू को एक दूसरे से जोड़ दिया गया। ताकि ज्यादा जगह हो सके मुंबई औपनिवेशक भारत की वाणिज्यिक राजधानी थी। एक प्रमुख बंदरगाह होने के नाते जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र था जहां से कपास और अफीम जैसे कच्चे माल बड़ी तादात में खाना के लिए जाते थे। व्यापार के कारण सिर्फ व्यापारियों और महाजन बल्कि कारीगर एवं दुकानदार भी मुंबई से बसे से कपड़ा मिले खुलने पर और अधिक संख्या में लोग किस शहर की ओर आने लगे।

मुंबई एक घनी आबादी वाला शहर है मुंबई का प्रति व्यक्ति क्षेत्रफल 9.5 वर्ग गज था। 1872 ईसवी में यहां प्रति मकान में 20 व्यक्ति रहते थे।  मुंबई का विकास सुनियोजित रूप से नहीं हो सका।  बल्कि 1800 ई. के आसपास मुंबई फोर्ट शहर का केंद्र था और दो हिस्सों में बटा हुआ था। एक हिस्सा में नेटिव आते थे और दूसरा हिस्सा में यूरोपीय या गोरे रहते थे।

शहर के अनियोजित विस्तार के कारण 1850 ईसवी तक शहर में आवास तथा मुंबई की 70% लोग घनी आबादी वाले चोलो में रहते थे। 1898 ईस्वी में सिटी ऑफ मुंबई इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की स्थापना की गई।  1918 में मुंबई के मकानों में महंगे किराया कानून पारित किया गया।  दिशा में सबसे पहली परियोजना 1784 में शुरू की गई थी।

ट्रस्ट ने 1914 ईस्वी से 1918 ईस्वी के बीच एक सूची गोदी का निर्माण किया और उसकी खुदाई से जो मिट्टी निकली उसका इस्तेमाल करके 22 एकड़ का बालार्ड स्टेट बनाया।

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