रोज कहानी का संपूर्ण व्‍याख्‍या नोट्स | Roj Kahani 12th Hindi Solution Notes

इस पोस्‍ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 12 हिन्‍दी के गद्य भाग के पाठ पॉंच ‘रोज (Roj Kahani 12 Hindi Solution Notes)’ को पढ़ेंगे।

Roj-Kahani-12-Hindi-

5. रोज
लेखक- सच्चिदानंद हीरानंद वात्‍स्‍यायन अज्ञेय

लेखक परिचय

जन्म-7 मार्च 1911
निधन- 04 अप्रैल 1987

जन्म स्थान – कसेया कुशीनगर, उत्तरप्रदेश
माता-पिता- व्यंती देवी और डॉ हीरानंद शास्त्री (प्रख्यात पुरातत्ववेता)

शिक्षा- आरंभिक शिक्षा घर पर, 1925 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक, 1927 में मद्रास क्रिश्चयन कॉलेज से इंटर, 1929 में फोरमन कॉलेज, लाहौर से बी.ए, एम.ए लाहौर से किए।
भाषा ज्ञान- संस्कृत, अंग्रेजी, हिन्दी के अतिरिक्त फारसी, तमिल इत्यादि अनेक भाषाओं के जानकार
अभिरुचि- बागवानी, पर्यटन, फोटोग्राफी, हस्तकला, शिल्पकला इत्यादि में प्रवीण।
कृतियाँ- छोड़ा हुआ रास्ता, शेखर: एक जीवनी, उत्तर प्रियदर्शी (नाटक), सदानीरा, अंतरा।
सम्मान- साहित्य अकादमी, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्‍कार। रवीन्द्र नाथ ठाकुर के ‘गोरा’ का हिन्दी अनुवाद अज्ञेय जी ने ही किया है। इन्‍होंने दस वर्ष की अवस्‍था में कविता लिखनी शुरू कर दी थी।

पाठ परिचय

‘रोज’ नामक कहानी अज्ञेय द्वारा लिखी गई है जो सबसे ज्यादा चर्चित कहानियों में से एक है। इस कहानी में लेखक ने एक गृहिणी का विवरण देते हुए वातावरण की स्थिति और उसके प्रभाव का वर्णन किया है। इस कहानी का मुख्य पात्र मालती है, जो लेखक की दूर की रिश्तेदार हैं। लेखक ने पैदल चलकर मालती से मिलने के लिए उसके घर जाते हैं। लेखक ने मालती को सखी कहा है क्योंकि वह उसके बचपन की दोस्त थी। उसके बचपन में वह बहुत वाचाल और चंचल थी। अब मालती विवाहित है और एक बच्चे की मां हैं। लेखक महसूस करता है कि मालती कुछ कहना चाहती है, लेकिन वह कुछ नहीं कह पाती है। मालती का जीवन एक ग्रैंग्रीन रोग की तरह था, जिसका ऑपरेशन उसके पति करता था। उसे पूरे दिन काम करना, बच्चे की देखभाल करना और पति का इंतज़ार करना ही उसकी जिंदगी थी।

लेखक ने एक गृहिणी के ऊपर पड़ने वाले प्रभाव को बहुत ही कुशलता से व्यक्त किया है। जब उसका पति अपने काम के लिए बाहर चला जाता था तो पूरा दिन मालती को अकेले ही घर में बिताना पड़ता था। उसका पुत्र बीमार और कमजोर था जो हमेशा रोता रहता था या सोता रहता था। मालती सुबह से रात 11 बजे तक घर के कामों और शिशु की देखभाल में व्यस्त रहती थी। वह ऐसा अनुभव कर रही थी कि वह अपने उबाऊ और उदास जीवन को ढो रही है। इस प्रकार लेखक ने मध्यवर्गीय भारतीय समाज में घरेलू स्त्री के जीवन और मानसिक स्थिति को दर्शाने का प्रयास किया है। Roj Kahani 12 Hindi Solution Notes

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