BSEB Class 10 Social science Geography खण्ड (ख) 1. प्राकृतिक आपदाः एक परिचय | Prakritik Aapda ek parichay class 10th solutions

इस पोस्‍ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 के सामाजिक विज्ञान भूगोल के खण्ड (ख) 1. प्राकृतिक आपदाः एक परिचय ( Prakritik Aapda ek parichay class 10th solutions) को पढ़ेंगे। 

Prakritik Aapda ek parichay class 10th solutions

खण्ड (ख)
1. प्राकृतिक आपदाः एक परिचय

आपदा : ऐसी घटना जो आकस्मिक घटित होती है, उसे आपदा कहते हैं। जैसे- भूकंप, सुनामी, बाढ़, साम्प्रदायिक दंगे, आतंकवाद आदि।

आपदा दो प्रकार के होते हैं-

1. प्राकृतिक आपदा : प्राकृतिक कारणों से होने वाले आपदा को प्राकृतिक आपदा कहते हैं। जैसे- भूकंप, सुनामी, बाढ़, सूखाड़ आदि।

2. मानवजनित आपदा : मानवीय कारणों से होने वाले आपदा को मानवजनित आपदा कहते हैं। जैसे- साम्प्रदायिक दंगे, आतंकवाद, अगलगी आदि।

प्राकृतिक आपदाओं में बाढ़, सूखाड़, भूकंप और सूनामी हैं, जो अत्यंत ही विनाशकारी होते हैं। इसके अलावा चक्रवात, ओलावृष्टि, हिमस्खलन, भूस्खलन जैसी घटनाएँ भी प्राकृतिक आपदा है।

पृथ्वी पर जब कभी कोई कंपन होती है तो भूकंप कहलाता है अर्थात दूसरे शब्दों में भूमि के कंपन को भूकंप कहते हैं। इसका मापन रिक्टर स्केल के द्वारा होता है।

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सुनामी : जब समुद्र के तली में भूकम्प होता है, तो जल कई मीटर ऊँचाई तक उछाल लेकर तटीय क्षेत्र में तबाही मचाते हैं। जिसे सुनामी कहते हैं।

सूखाड़ : जब औसत वार्षिक वर्षा की मात्रा में 25 प्रतिशत से अधिक की कमी आती है तो उसे सूखाड़ कहते हैं। सामान्य तौर पर 50 सेमी से कम वर्षा वाले क्षेत्रों को प्रतिवर्ष सूखाड़ की स्थिति उत्पन्न होती है।

2008 में बिहार के कोशी नदी से भयंकर बाढ़ आया था, जिससे काफी जान-माल की क्षति हुई थी। कोशी नदी बिहार में हमेशा बाढ़ से तबाही मचाती है, इसलिए कोशी नदी को बिहार का शोक कहा जाता है।

जम्मु-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड भू-स्खलन और मृदा-स्खलन से सर्वाधिक ग्रसित राज्य है। पर्वतीय क्षेत्रों में चट्टानों के टूटने से भू-स्खलन होती है। हिम-स्खलन अत्यंत ऊँचे पर्वतीय क्षेत्रों में घटती है।

1934 में बिहार में भूकंप आया था। बिहार के कई भागों में जमीन फट गई थी। सैकड़ों लोग मौत के शिकार हो गए थे। हजारों लोग बेघर हो गए थे।

भूकंप और सुनामी भारत के लिए बड़ी चुनौती है। भूकंप निरोधी भवनों के निर्माण से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।

26 दिसम्बर, 2004 को भारत के पूर्वी तट और अंडमान निकोबार पर भंयकर सुनामी आया था, जिसमें लाखों लोग मर गए। हजारों लोग लापता हो गए तथा काफी जान-माल की क्षति हुई थी। सबसे अधिक इंडोनेशिया देश की इससे क्षति हुई थी।

किसी भी आपदा के पूर्वानुमान अथवा पूर्व जानकारी से विनाश को कम किया जा सकता है।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. आपदा से आप क्या समझते है?

उत्तर- ऐसी घटना जो आकस्मिक घटित होती है उसे आपदा कहते है। जैसे- भूकंप, सुनामी, बाढ़, साम्प्रदायिक हिंसा, आंतकवाद आदि।

प्रश्न 2. आपदा कितने प्रकार के होते हैं।

उत्तर- आपदा दो प्रकार के होते हैं।

(1.) प्राकृतिक आपदा

(2.) मानवजनित आपदा

(1.) प्राकृतिक आपदा- प्राकृतिक कारणों से होने वाले आपदा को प्राकृतिक आपदा कहते हैं। जैसे- भूकंप, सुनामी, बाढ़, सुखाड़ आदि।

(2.) मानवजनित आपदा- मानवीय कारण से होने वाले आपदा को मानवजनित आपदा कहते है। जैसे- साम्प्रदायिक दंगे, आंतकवाद, अगलगी आदि।

प्रश्न 3. आपदा प्रबंधन की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर- आपदा प्रबंधन की आवश्यकता आपदा के पूर्व एवं पश्चात होने वाली क्षति को कम करने या बचने से है। प्राकृतिक आपदा या मानवनिर्मित आपदा इत्यादि के घटित होने से अधिक मात्रा में जैविक एवं अजैविक संसाधनों का नुकसान होता है। इसी संदर्भ में लोगों को विशेष प्रतिक्षण देकर इसके प्रभाव को कम करना आपदा प्रबंधन कहलाता है।

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दीर्घ उत्तरीय प्रशन

प्रश्‍न 1. प्राकृतिक आपदा एवं मानव जनित आपदा में अंतर सहीत उदाहरणों के साथ प्रस्‍तुत कीजिए।

उत्तर- प्राकृतिक आपदा एवं मानव जनित आपदा में निम्‍न अंतर है।

(1) प्राकृतिक आपदा- प्राकृतिक कारणों से होने वाले आपदा को प्राकृतिक आपदा कहते हैं। जैसे- भूकंप, सुनामी, बाढ़, सुखाड़ आदि।

(2) मानवजनित आपदा- मानवीय कारणों से होने वाले आपदा को मानव जनित आपदा कहते हैं। जैसे- साम्‍प्रदायिक दंगे, आतंकवाद, अगलगी आदि।

प्रश्‍न 2. आपदा प्रबंधन की संकल्‍पना को स्‍पष्‍ट करते हुए आपदा प्रबंधन की आवश्यकता अनिवार्यता का वर्णन कीजिए।

उत्तर- आपदा के पूर्व या पश्‍चात् होने वाली क्षति को कम करने या आशिंक नियंत्रण, आपदा प्रबंध कहलाता है। आपदा प्रबंधन की आवश्‍यकता निम्‍न कारणों से पड़ती है—

(1) आपदा के समय घटनाओं के प्रभाव को कम करना

(2) आपदा के दौरान मानवों एवं संसाधनों की रक्षा करने का प्रयास।

(3) आपदा जैसी घटनाओं का युवा वर्ग में प्रतिशक्षण दिया जाना ।

(4) आमलोगों को आपदा जैसी घटनाओं के प्रति जनगारूक करना।

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