इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्दी के पद्य भाग के पाठ तीन ‘पद (Pad Class 10th Solution Notes)’ के व्याख्या और सभी ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के उत्तर को पढ़ेंगे।
3. पद
अति सूधो सनेह को मारग है
मो अँसुवानिहिं लै बरसौ
लेखक परिचय
लेखक का नाम- घनानंद
जन्म- 1673 ई०
मृत्यु- 1739 ई०, मथुरा में
घनानंद तत्कालीन मुगल बादशाह मोहम्मद शाह रंगीले के यहाँ मीर मुंशी थे। ये अच्छे गायक और श्रेष्ठ कवि थे। कहा जाता है कि ये सुजान नामक नर्तकी से काफी प्रेम करते थे। विराग होने पर ये वृंदावन चले गये तथा वैष्णव संप्रदाय में दीक्षित होकर काव्य रचना करने लगे।
1739 ई० में नादिरशाह ने जब दिल्ली पर आक्रमण किया तब उसके सिपाहियों ने मथुरा एवं वृंदावन पर भी धावा बोल दिया। घनानंद को बादशाह का मीरमुंशी समझकर उन्हें सैनिकों ने मार डाला।
रचनाएँ- सुजानसागर, विरहलीला, रसकेलि बल्ली।
कविता परिचय
प्रस्तुत पाठ में घनानंद के दो छंद संकलित है। प्रथम छंद में कवि ने प्रेम के सीधे, सरल और निश्छल मार्ग के विषय में बताया है। तो द्वितीय छंद में विरह वेदना से व्यथित अपने हृदय की पीड़ा को कलात्मक रंग से अभिव्यंजित किया है।
प्रथम छंद
अति सूधो सनेह का मारग है जहाँ नेकु सयानप बाँक नहीं।
तहाँ साँचे चलैं तजि आपनपौ झुझुकैं कपटी जे निसाँक नहीं।।
कवि घनानंद बताते हैं कि प्रेम का मार्ग अत्यंत सरल और सुगम होता है, जिसमें थोड़ा भी विकार या धोखाधड़ी नहीं होती। उस मार्ग पर सिर्फ वही व्यक्ति चल सकता है जिसका हृदय निर्मल होता है और जो सम्पूर्ण रूप से अपने आप को समर्पित कर देता है।
‘घनआनँद‘ प्यारे सुजान सुनौ यहाँ एक तैं दूसरो आँक नहीं।
तुम कौन धौं पाटी पढ़े हौ कहौ मन लेहु पै देहु छटाँक नहीं।।
कवि घनानंद कहते हैं कि सज्जन लोगों! सगुण और निर्गुण की कोई तुलना नहीं होती। तुमने जो पाठ पढ़ा है, मन तो भर लेते हो, लेकिन छटाँक भर नहीं देते हो। अतः कवि का कहना है कि गोपियाँ कृष्ण-प्रेम में मस्त होने के कारण उन्हें उधों की बातों पर ध्यान नहीं देती, बल्कि वे प्रेम की विशेषता पर प्रकाश डालती हुई कहती हैं कि भक्ति का मार्ग सुगम होता है जबकि ज्ञान का मार्ग कठिन होता है।
द्वितीय छंद
परकाजहि देह को धारि फिरौ परजन्य जथारथ ह्वै दरसौ।
निधि-नीर सुधा की समान करौ सबही बिधि सज्जनता सरसौ।।
कवि घनांनद कहते हैं कि दूसरों की सहायता के लिए शरीर धारण करके बादल के समान घूमो और उन्हें दर्शन दो। समुद्र के जल को अमृत के समान बना दो और अपनी सज्जनता का परिचय सभी को दो।
‘घनआनँद‘ जीवनदायक हौ कछू मेरियौ पीर हिएँ परसौ।
कबहूँ वा बिसासी सुजान के आँगन मो अँसुवानिहिं लै बरसौ।।
कवि घनानंद की अपील है कि उनकी गहरी दुःख अनुभव करते हुए उन्हें जीवन से रस लेना चाहिए, ताकि वे कभी भी अपनी प्रेमिका सुजान के आँगन में उपस्थित होकर अपने प्रेम का रूप लेकर आँसुओं की बौछार कर सकें।
लघु-उत्तरीय प्रश्न (20-30 शब्दों में)____दो अंक स्तरीय
प्रश्न 1. “मन लेह पै देहु छटाँक नहीं“ से कवि का क्या अभिप्राय है? (Text Book 2017A)
उत्तर- कवि कहते हैं कि प्रेमी में भावना होती है देने की, नहीं लेने की। प्रेम में प्रेमी अपनी पसंद को सर्वस्व न्योछावर कर खुश मानते हैं। इसमें पूर्ण समर्पण की भावना होती है।
प्रश्न 2. कवि प्रेममार्ग को ’अति सूधो’ क्यों कहता है? इस मार्ग को विशेषता क्या है? (पाठ्य पुस्तक, 2013A)
उत्तर- कवि प्रेम को अमृत के समान पवित्र और मधुर बताते हुए कहते हैं कि प्रेममार्ग पर चलना सरल होता है और इसके लिए बहुत अधिक छल-कपट की आवश्यकता नहीं होती।
प्रश्न 3. घनानन्द के द्वितीय छंद किसे संबोधित है. और क्यों? (Text Book)
उत्तर- दूसरी पंक्ति में बताया गया है कि बादल संबोधित हो रहे हैं। वे विरह-वेदना की भावना को दर्शाते हैं। उनके वर्णन में उनके अस्तित्व को विराट विस्तृति से व्यक्त किया गया है।
प्रश्न 4. परहित के लिए ही देह कौन धारण करता है ? स्पष्ट कीजिए।
अथवा, घनानंद के अनुसार पर-हित के लिए ही देह कौन धारण करता है? स्पष्ट कीजिए। (पाठ्य पुस्तक, 2016A,2016C)
उत्तर- देह बादल परहित के लिए ही धारण करता है। बादल जल की वर्षा करके सभी प्राणियों को जीवन देता है और सुख-चैन स्थापित करता है। जब बादल विरह के आँसू गिराता है, तब वह अमृत की वर्षा करके जीवनदाता बन जाता है।
प्रश्न 5. कवि कहाँ अपने आँसुओं को पहुंचाना चाहता है, और क्यों ? (पाठ्य पुस्तक)
उत्तर- कवि अपनी प्रेमिका सुजान के लिए विरह-वेदना को बादल से अपने प्रेम रूपी आँसुओं को पहुंचाने के लिए बताते हैं। उन्होंने अपने आँसुओं को सुजान के आँगन में पहुँचाने की इच्छा जताई है, क्योंकि वह उसकी याद में पीड़ित है और अपनी व्यथा के आँसुओं से प्रेमिका को भिगो देना चाहता है।
Pad Class 10th Solution Notes
पद objective Questions
प्रश्न 1. घनानंद (घन आनंद) किस काल के कवि हैं ?
(a) भक्तिकाल
(b) आदिकाल
(c) रीतिकाल
(d) आधुनिक काल
उत्तर- (c) रीतिकाल
प्रश्न 2. ‘सुजानसागर‘ किसकी कृति है?
(a) मतिराम
(b) घनानंद
(c) देव
(d) केशवदास
उत्तर- (b) घनानंद
प्रश्न 3. किसे ‘प्रेम की पीर‘ का कवि कहा जाता है ?
(a) मीरा
(b) महादेवी वर्मा
(c) घनानंद
(d) सूरदास
उत्तर- (c) घनानंद
प्रश्न 4. ‘लाक्षणिक मूर्तिमत्ता और प्रयोग वैचित्र्य‘ के कवि कौन हैं ?
(a) तुलसीदास
(b) सूरदास
(c) बिहारी
(d) घनानंद
उत्तर- (d) घनानंद
प्रश्न 5. रीतिमुक्त काव्यधारा के सिरमौर कवि किसे कहा जाता है?
(a) बिहारी
(b) घनानंद
(c) पद्माकर
(d) मतिराम
उत्तर- (b) घनानंद
प्रश्न 6..घनानंद की भाषा क्या है? 18 (A) I, 21 (A)
(a) अवधी
(b) ब्रजभाषा
(c) प्राकृत
(d) पाली
उत्तर- (b) ब्रजभाषा
प्रश्न 7. ‘प्रेमधन‘ किस युग के कवि थे ?
(a) आदिकाल
(b) भक्तिकाल
(c) भारतेन्दु युग
(d) छायावादी युग
उत्तर- (c) भारतेन्दु युग
प्रश्न 8. कवि ‘प्रेमधन‘ के अनुसार भारत में आज कौन-सी वस्तु दिखाईनहीं पड़ती?
(a) भारतीयता
(b) कदाचारिता
(c) पत्रकारिता
(d) अंग्रेजी
उत्तर- (a) भारतीयता
प्रश्न 9. घनानंद किससे प्रेम करते थे?
(a) कलावती नामक नर्तकी से
(b) रेशमा नामक नर्तकी से
(c) सुजान नामक नर्तकी से
(d) सलमा नामक नर्तकी से
उत्तर- (c) सुजान नामक नर्तकी से
प्रश्न 10. घनानंद कवि हैं:
(a) पीर के
(b) सुख के
(c) द्वेष के
(d) चित्त के
उत्तर- (a) पीर के
प्रश्न 11. मुगल बादशाह मुहम्मदशाह रँगीले के यहाँ क्या काम करते थे?
(a) सलाहकार का
(b) मीरमुंशी का
(c) कोषाध्यक्ष का
(d) मजदूरी का
उत्तर-(b) मीरमुंशी का
Pad Class 10th Solution Notes
प्रश्न 12. परहित्त के लिए देह कौन, धारण करता है?
(a) सूर्य
(b) धरती
(c) चन्द्रमा
(d) बादल
उत्तर- (d) बादल
प्रश्न 13. कवि अपने आँसुओं को कहाँ पहुँचाना चाहता है?
(a) सुजान के आँगन में
(b) सुजान के दिल में ।
(c) सुजान के हथेली पर
(d) इनमें सभी
उत्तर- (a) सुजान के आँगन में
प्रश्न 14. ‘निःस्वार्थ भाव से, निश्चल होकर अपने को समर्पित कर देना‘ किसका कथन है?
(a) सुजान का
(b) घनानंद का
(c) मुहम्मदशाह का
(d) इनमें कोई नहीं
उत्तर- (b) घनानंद का
प्रश्न 15. घनानंद की महत्त्वपूर्ण रचना है।
(a) सुधा
(b) वैराग्य
(c) सुजानसागर
(d) इनमें सभी
उत्तर- (c) सुजानसागर
प्रश्न 16. ‘घनानंद ग्रंथावली‘ का सम्पादन किसने किया था ?
(a) रसखान
(b) सुजान
(c) नादिरशाह
(d) विश्वनाथ मिश्र
उत्तर- (d) विश्वनाथ मिश्र
प्रश्न 17. घनानंद की कीर्ति का आधार है:
(a) सुजानहित
(b) घन आनंद कवित्त
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) इनमें कोई नहीं
उत्तर- (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
प्रश्न 18. ‘मो अँसुवानिहिं लै बरसौ‘ में किसकी बात कही गई है ?
(a) प्रेम वेदना
(b) विरह वेदना
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) इनमें कोई नहीं
उत्तर- (b) विरह वेदना
प्रश्न 19. घनानंद के अनुसार, “प्रेम का मार्ग‘ कैसा होता है?
(a) सीधा और सरल
(b) कठिन और जटिल
(c) सीधा और सुखदायी
(d) कठिन और दुखदायी
उत्तर- (a) सीधा और सरल
प्रश्न 20. कवि प्रेममार्ग को ‘अति सूधो‘ कहता है क्योंकि: [18 (C)]
(a) यहाँ तनिक भी चतुराई काम नहीं करती
(b) यहाँ सच्चाई भी अपना घमंड त्याग कर चलती है
(c) यहाँ कपटी लोग चलने से झिझकते हैं
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(d) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 21. घनानंद किनके द्वारा मारे गए ?[21 (A) II]
(a) सुजान के पहरेदार द्वारा
(b) मुहम्मदशाह के सैनिकों द्वारा
(c) नादिरशाह के सैनिकों द्वारा
(d) इनमें कोई नहीं
उत्तर- (c) नादिरशाह के सैनिकों द्वारा
प्रश्न 22. ‘घनानन्द‘ की मृत्यु कब हुई?
(a) 1737 ई. में
(b) 1739 ई. में
(c) 1741 ई. में
(d) 1743 ई० में
उत्तर- (b) 1739 ई. में
प्रश्न 23. कवि ने ‘घरजन्य‘ किसे कहा है?[18 (A) II
(a) कृष्ण
(b) सुजान
(c) बादल
(d) हवा
उत्तर- (c) बादल
प्रश्न 24. घनानंद का जन्म हुआ था:
(a) 1689 ई. के आस-पास
(b) 1687 ई. के आस-पास
(c) 1688 ई. के आस-पास
(d) 1690 ई. के आस-पास
उत्तर- (a) 1689 ई. के आस-पास
प्रश्न 25. ‘रज‘ का अर्थ है:
(a) धूल
(b) गिट्टी
(c) कंकड़
(d) पत्थर
उत्तर- (a) धूल
प्रश्न 26. घनानंद काव्य में किन शैलियों का प्रयोग मिलता है:
(a) ऋजु शैली
(b) वक्र शैली
(c) ‘a’ एवं ‘b’
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (c) ‘a’ एवं ‘b’
प्रश्न 27. ऐकांतिक और एकांगी प्रेम के कवि है:
(a) घनानन्द
(b) रसखान
(c) गुरुनानक
(d) प्रेम धन
उत्तर- (a) घनानन्द
प्रश्न 28. शंकालु हृदय नहीं कर सकता :
(a) घृणा
(b) प्रेम
(c) ईर्ष्या
(d) अहिंसा
उत्तर- (b) प्रेम
प्रश्न 29. घनानंद की भाषा है:
(a) शुद्ध
(b) परिष्कृत
(c) अशुद्ध
(d) (a) और (b) दोनों
उत्तर- (d) (a) और (b) दोनों
Pad Class 10th Solution Notes
प्रश्न 30. ‘अति सूधो सनेह को मारग है, जहाँ नेकु सयानप बाँक नहीं।‘ यह पंक्ति किस कवि की है? [19(A) 1, 21 (A)D ]
(a) गुरुनानक
(b) प्रेमधन
(c) रसखान
(d) घनानंद
उत्तर- (d) घनानंद
प्रश्न 31, घनानंद कवि हैं:[19 (A) I]
(a) रीतिमुक्त
(b) रीतिबद्ध
(c) रीतिसिद्ध
(d) छायावादी
उत्तर-(a) रीतिमुक्त
प्रश्न 32. ‘मो अँसुवनिहि लै बरसौ‘ कौन कहते हैं ?[20 (A) II]
(a) रसखान
(c) घनानंद
(b) गुरुनानक
(d) दिनकर
उत्तर- (c) घनानंद
प्रश्न 33. घनानंद ने किस मार्ग को अत्यंत सीधा व सरल कहा है? [19 (C)]
(a) क्रोध
(c) घृणा
(b) प्रेम
(d) कपट
उत्तर- (b) प्रेम
प्रश्न 34. वियोग में सच्चा प्रेमी जो वेदना सहता है, उसके चित्त में जो विभिन्न तरंगें उठती है-का चित्रण किया है— [ 21 (A) I]
(a) घनानंद ने
(b) अनामिका ने
(c) रेनर मारिया मिल्के ने
(d) वीरेन डंगवाल ने
उत्तर- (a) घनानंद ने
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