BSEB Class 10 Hindi Ch 2 ढ़हते विश्वास | Dhahte Vishvash Class 10th Solution Notes

इस पोस्‍ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्‍दी के वर्णिका भाग-2 के पाठ दो ‘ढ़हते विश्वास (Dhahte Vishvash Class 10th Solution Notes)’ के Book solution और ऑब्‍जेक्टिव प्रश्‍नों के उत्तर को पढ़ेंगे।

Dhahte Vishvash Class 10th

2. ढ़हते विश्वास
लेखक- सातकोड़ी होता

लेखक परिचय
जन्म- उड़ीसा के मयूरभंज स्थान (1929 ई0)
हिन्दी अनुवाद- राजेन्द्र प्रसाद मिश्र

यह उड़िया साहित्य के प्रमुख कलाकार है। शिक्षा समाप्ति के बाद इन्होनें सर्वप्रथम भुवनेश्वर में भारतीय रेल यातायात सेवा के अन्तर्गत रेल समन्वय आयुक्त के पद पर नियुक्त हुए। इसके बाद उड़ीसा सरकार के वाणिज्य एवं यातायात विभाग में विशेष सचिव तथा उड़ीसा राज्य परिवहन निगम के अध्यक्ष पद को सुशोभित किया।

पाठ परिचय

यहाँ प्रस्तुत पाठ में प्राकृतिक प्रकोप से उत्पन्न समस्याओं पर चर्चा की गई है। लोग बाढ़ और सूखे से परेशान होते हुए भी उन समस्याओं से निपटने के लिए धैर्य और साहस से लड़ते हैं। लेकिन, जब बाढ़ का पानी किनारों को लाँघकर गांवों और घरों को बहा लेता है, तो लोगों का भरोसा टूटने लगता है। इससे लोगों के मन में चंडेश्वरी माँ के प्रति जो विश्वास था, वह कम हो जाता है। इन्सान बार-बार ठगा जाने के बाद अब कोई भी किसी पर विश्वास नहीं करना चाहता है।

पाठ का सारांश

प्रस्‍तुत पाठ ढहते विश्वास एक चिंतन प्रधान कहानी है जो उड़ीसा के जन-जीवन का चित्र प्रस्तुत करती है। कहानी उस परिवार की आर्थिक दुर्दशा से शुरू होती है जिसका मुखिया लक्ष्मण कलकत्ता में नौकरी करता है, किन्तु उसकी कमाई से परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पाता। इसलिए उसकी पत्नि तहसीलदार साहब के घर छिटपुट काम करते हुए उस कमी को पूरा करती है। उसके पास एक बिघा खेत भी है लेकिन बाढ़, सूखा और तूफान के कारण वह दुख का कारण बन जाता है।
लक्ष्मी ने कई दिनों से लगातार वर्षा होने को देखा था जिससे वह बारिश के बाद भी बाढ़ की आशंका से भयभीत हो गई। एक तूफान से उनका घर टूट गया था और वह कर्ज लेकर घर की मरम्मत करवाने के लिए अधिकतम प्रयास करती है। सूखे के कारण धान के अंकुर जल गए थे, लेकिन वे अभी भी रोपनी के लिए तैयार थे। लेकिन लगातार वर्षा होने से बाढ़ की चिंता ने लोगों की खुशी को मुरझा दिया था।
यह सोचकर कि दलेई टूट जाने पर वह कैसे इस विपत्ति का सामना करेगी, सिहर उठती है क्योंकि तूफान और सूखा ने कमर तोड़ दी है और उसका पति परदेश में है तथा उनके तीन बच्चे हैं।
लक्ष्मी दुखी हो रही थी जब वह भीषण बाढ़ के निरंतर आने की बात सोचती थी। उसके पति लक्ष्मण कलकत्ता में नौकरी करता था और कुछ पैसे भेज देता था, जबकि वह स्वयं तहसीलदार का छिटपुट काम करती थी और अपने तीन बच्चों के साथ अपना भरण-पोषण करती थी। भूमि का छोटा टुकड़ा प्रकृति-प्रकोप से तबाह होता है।
दलेई बाँध टूटने की विभीषिका तो वह पहले ही देख चुकी थी। वह भयानक अनुभूति रह-रहकर जाग उठती थी।

–> दलेई बाँध टूटने की आशंका वह पहले से ही जानती थी। वह बेचैन होती जा रही थी।
तूफान, सूखा और बाढ़ इन तीन-तीन प्राकृतिक विपदाओं से कौन रक्षा करें? बाँध की सुरक्षा के लिए ग्रामीण युवक स्वयंसेवी दल बनाकर बाँध की सुरक्षा में संलग्न थे।

–> तूफान, सूखा और बाढ़ जैसी विपदाओं से बाँध को कौन बचाएगा? बाँध की सुरक्षा के लिए ग्रामीण युवक स्वयंसेवी दल बनाकर सहायता कर रहे थे।
लक्ष्मी भी बड़े लड़के को बाँध पर भेजकर दो लड़कीयों और एक साल के लड़का के साथ घर पर है।

–> लक्ष्मी भी बड़े भाई को बाँध पर भेज दिया था और अब वह दो बच्चियों और एक साल के लड़के के साथ घर में है।
पूर्व में ऐसी भयानक स्थिति को देखकर भी लोग यहाँ खिसके नहीं। सायद इसी प्रकार नदियों के किनारे नगर और जनपद बनते गए।
लक्ष्मी ने पूर्व के आधार पर कुछ चीनी-बर्तन और कपड़े इकट्ठे कर लिए। उन्होंने गाय और बकरियों के पगड़ों को खोल दिया। पानी बहुत तेज़ी से बढ़ रहा था और शोर मच गया। ग्रामीण युवा काम पर लगे थे और लोग ऊँचाई पर जाने के निर्देश दे रहे थे। सभी का भरोसा हिल गया था और लोग अब स्कूल में भी भर गए थे। देवी मंदिर भी भर गया था। लोग अब सिर्फ माँ चंडेश्वरी पर भरोसा कर रहे थे।
बांध टूट गया था और बाढ़ वृक्ष घरों को तेजी से लील रही थी इसलिए लक्ष्मी बच्चों को संग लेकर अशा छोड़कर जल्दी-जल्दी भाग रही थी। शिव मंदिर के पास पानी का बहाव इतना तेज हो गया था कि लक्ष्मी बरगद की जटा में लटक गई और वह बेहोश हो गई। कोई भी किसी की पुकार सुनने के लिए उपलब्ध नहीं था। टीले पर लोग खुद को ढूँढ रहे थे और स्कूल भी डूब गया था, इसलिए लोग कमर भर पानी में किसी भी तरह से खड़े थे।
लक्ष्मी को होश आने पर उसका छोटा लड़का लापता था। वह रोती हुई थी, लेकिन सुनने वाला कौन था? लोग देवी-देवताओं पर भी भरोसा नहीं करते थे, क्योंकि उन पर भी विश्वास करने से लोग ठगे जा रहे थे। लक्ष्मी ने फिर से पिछे देखा, लेकिन उसकी निगाहें शून्य थीं। फिर भी, उसने एक बच्चे का शव पेड़ के डाल से उठाया और अपने सीने से लगा लिया, जो कि उसके पुत्र का शव नहीं था।

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प्रश्न 1. लक्ष्मी कौन थी? उसकी पारिवारिक परिस्थिति का चित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर- लक्ष्मी ‘ढहते विश्वास’ कहानी का मुख्य पात्र है, जिसके पति (लक्ष्मण) कलकत्ता में नौकरी करते हैं। उसके द्वारा प्राप्त हुई राशि से उसका घर-गृहस्थी चल नहीं पाती तो वह तहसीलदार साहब के घर काम करते हैं। उसके पूर्वजों ने छोड़ा गया एक बीघा खेत है, जिसमें वह खेती करवाती है। वर्षा के न होने से कुछ अंकुर जल नहीं पाते थे और कुछ धान सूख गया था। एक तरफ सूखा तो दूसरी तरफ लगातार वर्षा से लक्ष्मी का हृदय काँप उठा था। उसे बाढ़ का भयावह दृश्य नजर आने लगा था।

प्रश्न 2. कहानी के आधार पर प्रमाणित करें कि उड़ीसा का जन-जीवन बाढ़ और सूखा से काफी प्रभावित रहा है?.
उत्तर- उड़ीसा का भौगोलिक दृश्य बाढ़ और सूखे का प्रकोप प्रायः होता है। यहाँ प्रकृति की विकरालता संभवतः अधिक होती है। इस कहानी में सूखे और बाढ़ का सजीवात्मक वर्णन किया गया है। देबी नदी के किनारे एक गाँव में कुछ दिन पहले अनावृष्टि के कारण फसलें जल-भुन गई। इससे हताश और विवश लोग चिंतित हो गए कि कहीं बाढ़ आ जाएगी। नदी का पानी बढ़ता जा रहा था।
ग्रामीण लोग रात-दिन बाँध की मरम्मत करते हैं ताकि वह टूटे नहीं। उनके लिए यह पहली बार नहीं होता। बुढ़े लोग पुराने दृश्यों को याद करते हैं और चिंतित हो जाते हैं। नदी का पानी बढ़ता है और बाँध टूट जाता है जिससे पानी चारों तरफ फैल जाता है। लोग ऊँची जगहों पर शरण ढूँढते हैं। लोग जीवन और मौत से जूझते हैं। इस क्षेत्र के लोग बाढ़ और सूखे के लिए अधिक संवेदनशील हो गए हैं। बाढ़ धीरे-धीरे समाप्त होती है, लेकिन उसकी त्रासदी उन्हें आज भी झेलनी पड़ती है।

प्रश्न 3. कहानी में आये बाढ़ के दृश्यों का चित्रण अपने शब्दों में प्रस्तुत करें।
उत्तर- जब हम उत्तर-बाढ़ के बारे में सोचते हैं, तो मन में तरह-तरह के प्रश्न उठते हैं। यह एक तांडव है जो जीव-जगत को तबाह कर सकता है। उड़ीसा जैसे प्रदेश में बाढ़-सूखा अक्सर दिखाई देते हैं। दी गई कहानी में बाढ़ का चित्रण बड़ा ही भयानक है। लक्ष्मी का गाँव देवी नदी के किनारे स्थित है और इस गाँव में बाढ़ आने से पहले सब कुछ खुशनुमा रहता है। लगातार वर्षा से लक्ष्मी को जकड़ना पड़ता है। इस समय मनुष्य की आवाज बस रेत के अंदर ही रहती है। दलेई बाँध टूटने से नदी का पानी फैल जाता है और चारों तरफ लोगों की चीखें सुनाई देती हैं। लक्ष्मी को उसके पति की अनुपस्थिति से परेशानी होती है। लोग ऊँची जगहों पर शरण ढूंढने के लिए दौड़ते हैं। लक्ष्मी अपने बेटे को ढूंढते हुए भटकती है और उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाती है। इस राह में उसके पैरों में चोट आ जाती है और वह बरगद की जंटा पेड़ पकड़कर कुछ देर में चढ़ जाती है। बरगद का पेड़ भी देखते-देखते डूबने लगता है।
लक्ष्मी अपनी साड़ी के आधी-भाग से कमर में बाँध लेती है। वह कुछ ही समय में बेहोश हो जाती है।
टीले पर चढ़े हुए लोग अपने परिचितों की खोज कर रहे थे। किसी को सहायता नहीं मिल रही थी। लक्ष्मी उस जगह पर बेहोश जैसी हालत में टिकी हुई थी। अचानक वह होश में आती है और अपने छोटे बेटे की तलाश में निकल जाती है।
हिम्मत हारने के बावजूद लक्ष्मी ने एक छोटे बच्चे को पेड़ की शाखा-प्रशाखा में फंसे हुए उठा लिया। वह उसका बेटा नहीं था। छोटे बच्चे का शरीर फुला हुआ था। फिर भी लक्ष्मी ने उसे अपने स्तन से सटाकर उसकी देखभाल की।

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प्रश्न 4. कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें।
उत्तर- शीर्षक रचना के मुख्य द्वार उत्तर-भाव होता है जो रुख्ता और व्यापकता को परिलक्षित करता है। रचनाकार शीर्षक का चयन घटना, पत्र, घटना-स्थल, उद्देश्य और मुख्य विचार-विन्दु के आधार पर करता है। विद्वानों के अनुसार, शीर्षक की सफलता सार्थकता, औचित्य और मुख्य विचार व्यंजना पर निर्भर करती है। आलोच्य कहानी का शीर्षक मुख्य चरित्र से जुड़ा हुआ होता है। लक्ष्मी ने पूरी कहानी में अपना व्यक्तित्व और कृतित्व छितराया है। वह पति से दूर रहते हुए भी अपना भरण-पोषण करती है और तहसीलदार साहब के घर में काम करके अपने बच्चों को पालन-पोषण करती है। उसका घर देबी नदी के किनारे है जो कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ से त्रस्‍त मातृत्‍व अक्षरश: पालन करती हैं।
बारिश के लगातार होने से उसका आत्मविश्वास कमजोर पड़ता है।
वह पहली बारिश के बाद ही बीते वक्त की यादों से परेशान होने लगती है।
बाढ़ के तबाही का विचार आज भी उसके मन में होता है और डर उठता है। शायद फिर से बाढ़ न आ जाए।
वह नदी में जाकर दुआ मांगती है, पर नदी ने उसको कभी भी उसका समर्थन नहीं किया।
टीले पर जाकर वह हर चीज़ खो देती है। बगरद के पेड़ पर शरण मिलती है, लेकिन उसके बेटे को प्रवाह में बह जाने से रोक नहीं पाती।
उसका आत्मविश्वास फिसल जाता है, जब वह एक बच्चे को फिर नदी में ढलाने से रोक नहीं पाती।
कथाकार ने कहानी के तत्त्वों को कथानक के माध्यम से सुंदर रूप से व्यवस्थित किया है।
लक्ष्मी और उस गाँव के लोगों का आत्मविश्वास बाढ़ के आने के डर से खो जाता है, शायद लेखक का भी मन उन्हीं दुखों में उलझा हुआ है।
इसलिए, उपर्युक्त उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि प्रस्‍तुत कहानी का शीर्षक सार्थक और समीचीन है।

प्रश्न 5. लक्ष्मी के व्यक्तित्व पर विचार करें।
उत्तर- लक्ष्मी इस कहानी की मुख्य नायिका है और इस कहानी का केंद्रीय चरित्र भी है। एक महिला का स्वरूप भी इस कहानी में दिखाया गया है। लक्ष्मी रथ के एक चक्र की पत्नी का प्रतिनिधित्व करती है और वह पति के बाहर रहते हुए भी घर-गृहस्थी का बोझ उठाती हुई दिखाई देती है। जब घर के खर्च नहीं चलते हैं तब वह तहसीलदार साहब के यहाँ काम कर खर्च जुटाती है। फिर सूखे और बाढ़ के डर से लक्ष्मी घबराहट महसूस करती है और उसका आत्मविश्वास कम होता है। विधि के विधान को कोई टाल नहीं सकता। लक्ष्मी को उस चीज़ का डर था जो अब उसके सामने है। बाढ़ का पानी चारों तरफ फैलता है। लोग ऊँची टीले पर भागते हुए दिखाई देते हैं। लक्ष्मी अपने बच्चों को लेकर कुछ ना कुछ भागने का प्रयास करती है। प्रवाह उसके पैरों को उखड़ाता है, लेकिन फिर भी वह डरने वालों में नहीं होती। उसे किसी तरह वरगद के पेड़ पर शरण मिल जाती है। उसका छोटा बेटा प्रवाह में बहता है, किन्तु दूसरे छोटे बच्चे को अपना दूध पिलाती है। मातृत्व उसके अंदर उभरता है।

प्रश्न 6. गुणनिधि का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर- गुणनिधि गांव का नौजवान है जो कंटक में पढ़ता है। उसमें साहस का भाव है, वह अपने सामाजिक दायित्व का बोध करता है और नेतृत्व की गुणवत्ता से संपन्न है। जब वह अपने गांव में आता है और बाढ़ का खतरा देखता है, तो उसने स्वयं सेवक दल की स्थापना की है। वह सदा से उनके साथ रहता है और उनका उत्साह बढ़ाता है – ‘निठल्लों के लिए जगह भी नहीं है दुनिया में जिस मनुष्य ने काठ-जोड़ी का पत्थर-बाँध बाँध है, वह मनुष्य अभी मरा.थोड़े ही है’ और रोजाना पैंट-शर्ट उतारकर काँछ लगाकर कमर कस कर काम पर रात-दिन जुटा रहता है।

प्रश्न 7. बिहार का जन-जीवन भी बाढ़ और सूखा से प्रभावित होता रहा है। इस संबंध में आप क्या सोचते हैं ? लिखें।
उत्तर- बिहार का भौगोलिक स्थान बाढ़ और सूखे की चुनौती से भरपूर है। यहां कुछ नदियां हैं जो बरसात के समय अपने स्तर को बहुत जल्दी बढ़ा लेती हैं, जैसे उत्तरी बिहार और दक्षिणी बिहार के कुछ हिस्से। दक्षिण बिहार में नदियों का जलस्तर कम होने पर भी वे जल्दी ही बढ़ जाती हैं। ये नदियां हिमालय से निकलती हैं और मैदानी इलाकों में आकार धारण करती हैं जहां वे बड़ी नुकसान पहुंचाने वाली बाढ़ के संभावना से घिरी हुई होती हैं। इसके अलावा, नेपाल से सटे इन क्षेत्रों में राजनीतिक गतिविधियों के कारण भी बाढ़ का जोखिम रहता है। इसलिए, हर साल बिहार के कुछ क्षेत्र बाढ़ की वजह से अधिक प्रभावित होते हैं।
जानवरों और संपत्ति की असीम क्षति होती है। पिछले साल, कोशी नदी की बाढ़ ने अपना अलग इतिहास बनाया। कई गांव बह गए। जब बाढ़ समाप्त हुई तब महामारी फैल गई। एक तरफ बिहार बाढ़ के चपेट में आ गया था जबकि दूसरी तरफ अनावृष्टि के कारण कई जिले सूखे के चपेट में आ गए। बिहारवासियों के लिए बाढ़ और सूखा जीवन का अंग बन गया है। ये दोनों अभिशप्त हैं। कुछ राजनेता इन तकलीफों को समझते हुए राजनीति खेलने लगते हैं इसके बजाय कि इन तकलीफों को दूर करने का प्रयास करें। केंद्र शासित राज्यों की उदासीनता और शिथिलता के कारण बिहारवासियों को इन दुखों का सामना करना पड़ता है।

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्‍न  Subjective Questions

प्रश्न 1. लक्ष्मी कौन थी?
उत्तर- देवी बाँध के नीचे उत्तर-लक्ष्मी उड़ीसा के एक गृहस्थ परिवार की स्त्री का घर था।

प्रश्न 2. सातकोड़ी होता के कथा-साहित्य की विशेषता क्या है ?
उत्तर- सातकोड़ी कथा-साहित्य में उड़ीसा का जन-जीवन पूरी आन्तरिकता के साथ प्रकट हुआ है।

प्रश्न 3. हीराकुंद बाँध कहाँ और किस नदी पर बांधा गया है?
उत्तर- हीराकुंड बाँध उड़ीसा में है और वह महानदी पर बाँधा गया है।

प्रश्न 4. अच्युत कौन था?
उत्तर- अच्युत लक्ष्मण-लक्ष्मी का बड़ा बेटा था, जो कर्मठ और साहसी था।

प्रश्न 6. बाढ़ का प्रभाव लोगों पर क्या पड़ा?
उत्तर- लोग अब किसी पर भरोसा नहीं करते थे। देवी-देवताओं पर से भी उनका विश्वास खत्म हो गया था।

प्रश्न 7. बाढ़ से घर छोड़ने की आशंका से लक्ष्मी ने क्या तैयारी की?
उत्तर- लक्ष्मी ने बाढ़ से बचने के लिए थोड़ा-सा चिवड़ा, कुछ कपड़े और दो-चार बर्तन एक बोरे में बाँध दिए। उन्होंने गाय-बछड़ों को भी खोल दिया।

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2. ढ़हते विश्वास Objective Questions 
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प्रश्न 1. ढहते विश्वास के रचयिता हैं
(क) साँवर दइया   
(ख) सुजाता
(ग) सातकोड़ी होता 
(घ) श्री निवास

उत्तर- (ग) सातकोड़ी होता

प्रश्न 2. सातकोड़ी होता कथाकार हैं
(क) तमिल   
(ख) राजस्थानी
(ग) गुजराती  
(घ) उड़िया

उत्तर- (घ) उड़िया

प्रश्न 3. लक्ष्मी लक्ष्मण की …………..” थी।
(क) माँ  
(ख) बेटी
(ग) सास
(घ) पत्नी

उत्तर- (घ) पत्नी

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प्रश्न 4. लक्ष्मण ……………में रहता था।
(क) दिल्ली
(ख) भुवनेश्वर
(ग) आगरा
(घ) कोलकाता

उत्तर- (घ) कोलकाता

प्रश्न 5. लोग हाँफते हुए दौड़ने लगे
(क) नदी की ओर 
(ख) सड़क की ओर
(ग) टीले की ओर
(घ) गाँव की ओर

उत्तर- (ग) टीले की ओर

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