भाषा के दो रूप होते हैं- 1. मौखिक और 2. लिखित ।
मौखिक- मौखिक वह भाषा है, जिसे हम बोलकर व्यक्त करते हैं।
लिखित- जिसे हम लिखकर व्यक्त करते हैं, उसे लिखित कहते हैं। व्याकरण एक ऐसा शास्त्र है, जो किसी भी भाषा के शब्दों को सही ढंग से लिखना, पढ़ना, बोलना और समझना सिखाता है।
लिपि- लिखित भाषा में अभिव्यक्ति के लिए, जिन ध्वनि चिन्हों का उपयोग किया जाता है, उन्हें लिपि कहा जाता है।
व्याकरण- व्याकरण एक शास्त्र है जो शब्दों के सही रूप और उनके प्रयोग के नियमों का विवेचन करता है। इस शास्त्र की मदद से हम किसी भी भाषा को शुद्धता से लिख सकते हैं, उसे पढ़ सकते हैं, उसे बोल सकते हैं और समझ सकते हैं।
भाषा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा की ‘भाष’ धातु से हुई है, जिसका अर्थ होता है ‘बोलना’ या ‘कहना’।
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