इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 के सामाजिक विज्ञान इतिहास के पाठ चार भारत में राष्ट्रवाद (Bharat me rashtravad class 10th history solutions) को पढ़ेंगे।
4. भारत में राष्ट्रवाद
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. खिलाफ आंदोलन क्यों हुआ ?
उत्तर :- प्रथम विस्वयुद्ध में ब्रिटेन के खिलाफ तुर्की के पास प्राजाय के फस्वरूप ऑटोमन समराज्य को विघटित कर दिया गया। तुर्की के सुल्तान को अपने शेष प्रदेश में भी अपनी सता के प्रयोग से वंचित कर दिया गया 1920 के प्रति ब्रिटेन को अपनी नीति बदलने के लिए बाध्य करने हेतु जोरदार आंदोलन किया जिसे खिलाफत कहा जाता हैं।
2. रॉलट एक्ट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- बढ़ती हुई क्रांतिकारी घटनाओं एवं असंतोष को दबाने के लिए लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने न्यायाधीश किडनी का अध्यक्षता में एक सीमित की। समिति ने क्रांतिकारी को रोकने के लिए निरोधात्मक एवं दंडात्मक दोनों प्रकार का सुझाव दिया। 21 मार्च 1919 को केंद्रीय विधान परिषद में पारित किया गया। किसी भी व्यक्ति को अमान्य साक्ष्य और बिना वारंट के भी गिरफ्तार किया जा सकता था।
3. दांडी यात्रा का क्या उद्देश्य था ?
उत्तर :- दांडी यात्रा का उद्देश समुद्र के पानी से नमक बनाकर कानून का उल्लंघन करना था।
4. गांधी इरविन पैक्ट अथवा दिल्ली समझौता क्या था ?
उत्तर :- सविनय अवज्ञा आंदोलन की व्यापकता ने अंग्रेजी सरकार से समझौता किया। जिसे “गांधी इरविन पैक्ट”, ’दिल्ली समझौता’ के नाम से जाना जाता है। मार्च 1931 को गांधीजी एवं लॉर्ड इरविन के बीच संपन्न हुए। गांधी जी ने आंदोलन को स्थापित केंद्र किया। द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हो गया।
5. चंपारण सत्याग्रह का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर :- बिहार के नील उत्पादक किसानों की स्थिति बहुत दयनीय थी। जिसमें किसानों के अपने भूमि के 2/30 हिस्से पर खेती करनी पड़ती थी। किसान नील की खेती करना चाहते थे। क्योंकि इससे भूमि की उर्वरता कम हो जाती है।
6. मेरठ षड्यंत्र से आप क्या समझते ?
उत्तर :- मेरठ षड्यंत्र केस और लाहौर षड्यंत्र केस ने सरकार विरोधी विचारधारा को उग्र बना दिया था। बंगाल में क्रांतिकारी राष्ट्रवादी की गतिविधियां एक बार फिर उभरी। अप्रैल 1930 में चटगांव में सरकारी शस्त्रागार पर क्रांतिकारियों ने योजनाबद्ध पर छापा मारा जिसका नेतृत्व सूर्य सेन कर रहे थे।
7. जतरा भगत के बारे में आप क्या जानते हैं? संक्षिप्त में लिखें।
उत्तर :- अंग्रेजो के खिलाफ आदिवासियों ने 1914 ई. से 1918 ई. के विद्रोह किया जिसका नेतृत्व जतरा भगत इस आंदोलन में सामाजिक एवं शैक्षणिक सुधार पर विशेष बल दिया तथा मौस, मदिरा और आदिवासी नृत्य से दूर रहने की बात की गई।
8. ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना क्यों हुई ?
उत्तर :- 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक काल में ही भारत में साम्यवादी विचारधारा के अंतर्गत मुंबई,कोलकाता, कानपुर, लाहौर, मद्रास आदि जगहों पर साम्यवादी सभाएं बननी शुरू हो गई थी।ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना 1920 ई. में कांग्रेस पार्टी ने की थी राष्ट्रीय आंदोलन में किसानों और श्रमिकों का सहयोग करना था।
Bharat me rashtravad class 10th history solutions
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. असहयोग आंदोलन प्रथम जन आंदोलन था। कैसे?
उत्तर :- असहयोग आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में प्रारंभ किया गया प्रथम जन आंदोलन था। इस जन आंदोलन के मुख्य तीन कारण है।
(i) खिलाफ का मुद्दा।
(ii) पंजाब में सरकार की बर्बर कार्यवाइयो के विरुद्ध न्याय प्राप्त करना ।
(iii) स्वराज की प्राप्ति करना ।
इस आंदोलन में दो तरह के कार्यक्रम को अपनाया गया। प्रथम अंग्रेजी सरकार को कमजोर करने एवं नैतिक रूप से पराजित करने के लिए। अपराधियों एवं अवैतनिक पदों का त्याग करना, एवं सरकारी स्कूलों एवं कॉलेजों का बहिष्कार करना।
द्वितीय न्यायालय का स्थान पर पंचों का फैसला मानना था, कि सरकारी स्कूलों कॉलेजों का बहिष्कार करने वाले विद्यार्थी पढ़ाई जारी रख सकें।
2. सविनय अवज्ञा आंदोलन के क्या परिणाम हुए हैं?
उत्तर :- सविनय अवज्ञा आंदोलन के निम्नलिखित परिणाम हुए हैं।
(i) गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत दांडी यात्रा से की ।
(ii) आंदोलन में महिलाओं ने चढ़ बढ़ हिस्सा ली
(iii) इस आंदोलन में श्रमिक एवं कृषक आंदोलन को भी प्रभावित किया।
(iv) पहली बार ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस से समानता के आधार पर बात की।
(v) 6 अप्रैल को समुद्र के पानी से नमक बनाकर कानून का उल्लंघन किया।
3. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किन परिस्थितियों में हुई?
उत्तर :- 1883 ई. के दिसंबर में इंडियन एसोसिएशन के सचिव “आनंद मोहन बोस” ने कोलकाता में “नेशनल कॉन्फ्रेंस” नामक एक अखिल भारतीय संगठन का सम्मेलन बुलाया जिसका उद्देश्य बिखरे राष्ट्रवादी शक्तियों को एकजुट करना था दूसरी तरफ रिटायर्ड ब्रिटिश अधिकारी ऐलेन, आकट्रोवीयन ह्युम ने भारतीय राष्ट्रीय संघ की स्थापना की। 28 दिसंबर 1885 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।उस में कुल 72 सदस्य शामिल थे।.
4. बिहार के किसान आंदोलन पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर :- 1917 इ. में महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की। 1920 मे बिहार, बंगाल,उत्तर प्रदेश,एवं पंजाब में किसान सभा का गठन हुआ। बिहार में 1922-23 में मुंगेर में शाह मोहम्मद जुबैर के नेतृत्व में किसान सभा का गठन हुआ था। व्यापक एवं शक्तिशाली आधार 1928 ई. में प्राप्त हुआ, जब स्वामी सहजानंद सरस्वती ने बिहटा में 1929 में सोनपुर में किसान सभा की स्थापना की सरदार पटेल में बिहार की यात्रा की इस आंदोलन को बल मिला।अप्रैल 1936 को लखनऊ में ‘अखिल भारतीय’ किसान सभा का गठन हुआ। बिहार में बकास्ट आंदोलन आरंभ हुआ। कांग्रेस द्वारा 1937 के अधिवेशन में प्रमुख मांग के रूप में स्वीकार किया।
5. स्वरज पार्टी के स्थापना एवं उद्देश की विवेचना करें।
उत्तर :- स्वराज पार्टी की स्थापना मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास ने कि। मार्च 1923 में स्वराज पार्टी का प्रथम सम्मेलन इलाहाबाद में हुआ।
स्वराज पार्टी का मुख्य उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से भिन्न नहीं था। वे भारत में अंग्रेजों द्वारा चलाई गई सरकारी परंपराओं का अंत चाहते थे। वे लोग 1919 के सुधार अधिनियम में सुधार या उसका अंत चाहते थे। और राष्ट्रीय शक्ति का विकास करना एवं आवश्यकता पड़ने पर पद त्याग कर सत्याग्रह में भाग लेना।
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. प्रथम विश्व युद्ध का भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के साथ अंतसंबंधों की विवेचना करें।
उत्तर :- प्रथम विश्वयुद्ध विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी। प्रथम विश्वयुद्ध औद्योगिक क्रांति के परिणाम स्वरुप उपनिवेश व्यवस्था भारत सहित अन्य एशियाई तथा अफ्रीकी देशों में सुरक्षित रखने के प्रयासों के क्रम में लड़ा गया। ब्रिटेन के सभी उपनिवेश में भारत सबसे महत्वपूर्ण था। ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की 1916 में सरकार ने भारत में आयात शुल्क लगाया ताकि भारत में कपड़ा उद्योगों का विकास हो सके और उसका फायदा अंग्रेजों को मिल सके।
युद्ध प्रारंभ होने के साथ ही तित्वक और गाँधी जैसे राष्ट्रवादी नेताओं ने ब्रिटिश सरकार के स्वराज संबंधित स्वशासन में भरोसा था। युद्ध के आगे बढ़ने के साथ ही भारतीय का भ्रम टूटा। 1915-17 के बीच एनी बेसेंट और तिलक ने भारत में हिम रूल लीग आंदोलन आरंभ किया। प्रथम विश्वयुद्ध के वर्षो मैं ही 1916 में दो महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाएँ हुई महात्मा गाँधी का उत्कर्ष उनके द्वारा संचालित तीन सफल सत्याग्रह, चंपारण, खेड़ा और अहमदाबाद आंदोलन के बाद हुआ।
2. असहयोग आंदोलन के कारण एवं परिणाम का वर्णन करें।
उत्तर :- असहयोग आंदोलन 1920-22 महात्मा गाँधी के नेतृत्व में प्रारंभ किया गया प्रथम जन आंदोलन थ। इस आंदोलन के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं।
(i) खिलाफत क मुद्दा
(ii) पंजाब में सरकार की बर्बर करवाईयो के विरुद्ध न्याय प्राप्त करना
(iii) स्वराज की प्राप्ति करना
1 जनवरी 1921 ईस्वी को महात्मा गाँधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की। संपूर्ण भारत में असहयोग आंदोलन को सफलता मिली विदेशी कपड़ों का बहिष्कार एवं छात्रों द्वारा सरकारी स्कूल – कॉलेजों का बहिष्कार जारी रहा। आंदोलन में राष्ट्रीय विद्यालय,जामिया, मिलिया, इस्लामिया अलीगढ़, मुस्लिम विश्वविद्यालय और काशी की स्थापना की गई। 17 नवंबर 1921 को मुंबई में राष्ट्रव्यापी हड़ताल के साथ किया गया
सरकार ने आंदोलन को गैरकानूनी करार देते हुए लगभग तीस हजार आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया। पुलिस द्वारा फायरिंग के विरोध में भीड़ ने थाना पर हमला करके 5 फरवरी 1922 ईस्वी को 22 पुलिसकर्मियों की जान ले ली। गाँधी जी को ब्रिटिश सरकार द्वारा मार्च 1922 में गिरफ्तार करके 6 वर्ष का कारावास की सजा दी गई।
असहयोग आंदोलन के अचानक स्थगित हो जाने और गांधीजी की गिरफ्तारी के कारण खिलाफत के मुद्दे का अंत हो गया। चरखा एवं करघा को भी बढ़ावा मिला है
3. सविनय अवज्ञा आंदोलन के विकास का वर्णन करें।
उत्तर :- ब्रिटिश औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ गाँधी जी के नेतृत्व में 1930 ईस्वी में शुरू किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन दूसरा ऐसा जन आंदोलन था। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में एक शुन्यता की स्थिति पैदा हो गई थी। राष्ट्रवाद को एक नया जीवन प्रदान किया सविनय अवज्ञा आंदोलन के कारण निम्न है।
(i) साइमन कमीशन :- 1919 के एक्ट को पारित करते समय ब्रिटिश सरकार ने यह घोषणा की थी, कि 10 वर्षों के पश्चात चुनाव सुधारों की समीक्षा होगी।नवंबर 1927 में ब्रिटिश सरकार ने इंडियन स्टेटयूटरी की ओरी कमीशन का गठन किया जिससे साइमन कमीशन कहा जाता है।
(ii) नेहरू रिपोर्ट :- साइमन कमीशन के बहिष्कार के समय कांग्रेस ने फरवरी 1928 ईस्वी में एक सर्वदलीय सम्मेलन का आयोजन किया।
(iii) विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का प्रभाव:- 1929-30 ई. की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का प्रभाव भारत का निर्यात कम हो गया, अनेक कारखानों बंद हो गए, पूरे देश की वातावरण सरकार के खिलाफ थी।
(iv) समाजवाद का बढ़ता प्रभाव :- समाज के बढ़ते प्रभाव के कारण बाम पंथी दबाव के संतुलित करने हेतु एक आंदोलन के एक नए कार्यक्रम की आवश्यकता थी।
(v) क्रांतिकारी आंदोलनों का उभार :- देश में क्रांतिकारी आंदोलन विस्फोट हो चुकी थी। ऐसे में देश के नव युवकों के लिए एक नई दिशा व पहल की आवश्यकता थी।
4. भारत में मजदूर आंदोलन के विकास का वर्णन करें।
उत्तर :- यूरोप में औद्योगिकीकरण और मार्क्सवादी विचारों पर विकास का प्रभाव अन्य देशों पर भी पड़ा और भारत में औद्योगिक के साथ-साथ मजदूर वर्ग में चेतना हुई। बीसवीं शताब्दी के मजदूरों के नियम के गठन के बाद कही।दूसरी ओर स्वदेशी आंदोलन का भी प्रभाव मजदूर पर पड़ा। 1917 में अहमदाबाद में प्लेट की महामारी के कारण मजदूरों शहर छोड़कर जाने लगे उसे रोकने के लिए मालिकों के वेतन को बढ़ाएँ। उन्हीं के सुझाव पर बोनस बहाल किया गया। और इसकी दर 35% दर्ज की गई 1917 की रूसी क्रांति कारण कम्युनिस्ट इंटरनेशनल तथा श्रम संगठन की भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन एवं मजदूर वर्ग दोनों पड़ पड़ा। 31 अक्टूबर 1920 को कांग्रेस पार्टी ने ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना की।
1931 ईस्वी में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस का विभाजन हो गया राष्ट्रीय आंदोलन में जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस आदि नेताओं द्वारा समाजवादी जारी रहा।
5. भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में गांधीजी के योगदान की विवेचना करें।
उत्तर :- भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जनवरी 1915 ईस्वी में दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद गाँधी जी ने रचनात्मक के लिए अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की स्थापना की।1919 ई. से 1947 ई. तक राष्ट्रवादी आंदोलन में गाँधीजी की अग्रणी भूमिका रही। गाँधी जी के द्वारा चंपारण में सत्याग्रह का प्रथम प्रयोग किया गया जो सफल रहा। चंपारण एवं खेड़ा में कृषक आंदोलन और अहमदाबाद में श्रमिक आंदोलन का नेतृत्व प्रदान कर प्रथम विश्वयुद्ध के अंतिम दौर में कांग्रेस होमरूल एवं मुस्लिम नेताओं के साथ संबंध किया ब्रिटिश सरकार की उत्पीड़नकारी नीतियाँ एवं रलेट एक्ट के विरोध में सत्याग्रह की शुरुआत की।
महात्मा गाँधी ने असहयोग आंदोलन 1920-21 ईसवी तक कि, सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 ईस्वी में कि,भारत छोड़ो आंदोलन 1942 ईस्वी, के द्वारा राष्ट्रीय आंदोलन को एक नई दिशा प्रदान की और 15 अगस्त 1947 ईस्वी को देश आजाद हुआ।
6. भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में वामपंथियों की भूमिका को रेखांकित करें।
उत्तर :- बीसवीं शताब्दी के प्रारंभिक काल में ही भारत में सम्यवादी बिचारधाराओं के अंतगर्त बम्बई, कलकत्ता, कानपुर, लाहौर, मद्रास आदि जगह पर साम्यवादी सभाए बननी शुरू हो गई थी।उस विचार से जुड़े लोगों में मुजफ्फर अहमद, एस. ए. डागे मौलवी, बारकतुल्ला गुलाम हुसैन नाम थे। 1920 में एम. एन. राय ने भारतीय काम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की असहयोग आंदोलन की समाप्ति के बाद सरकार ने इन लोगो का दमन शुरू किया और पेशावर षडयंत्र केस 1924 और मेरठ षडयंत्र केस 1929-33 के तहत 8 लोगो पर मुकदमे चलाये गए । रास्ट्रीय “सम्यवादी शहीद ” कहे जाने वाले व्यक्ति ने भारतीय काम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की भारतीय काम्युनिस्ट पार्टी में दिलचस्पी लेना शुरू किया।
अब तक कई मजदूर संघों का गठन हो चुका था। 1920 में AITUC की स्थापना हो गई थी। 1926 में इससे विभाजन हो गया,और 1929 में एल. एम. जोशी ने AITUF का गठन कर लिया। भारतीय स्तर पर दिसंबर 1928 में भारतीय मजदूर किसान पार्टी बने। इनमें जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण आदि। 1934 में समाजवादी दल की स्थापना की गई।
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