इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्दी के पद्य भाग के पाठ 6 ‘बहादुर ( Bahadur Class 10th Solutions Notess)’ के व्याख्या और सभी ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के उत्तर को पढ़ेंगे। Class 10th Solution Notes
6. बहादुर
लेखक का नाम- अमरकान्त
लेखक परिचय
जन्म- 1 जुलाई 1925 ई०, बलिया जिले के नगरा गाँव में
मृत्यु- 17 फरवरी 2014 ई0 (उम्र 89 वर्ष), इलाहाबाद
इन्होनें हाई स्कुल की शिक्षा बलिया में पाई। स्वाधीनता संग्राम में हाथ बटाने के कारण 1946 ई० में सतीशचन्द्र कॉलेज बलिया से इंटरमीडिएट किया। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी० ए० की परीक्षा पास करने के बाद आगरा के दैनिक पत्र ’सैनिक’ के संपादकीय विभागों से संबंध रहे।
रचनाएँ- जिन्दगी और जोंक, देश के लोग, मौत का नगर, मित्र-मिलन, कुहासा, सूखा पत्ता, आकाशपक्षी, कोले उजले दिन, सुखजीवी, बीच की दीवार, ग्राम सेविका । इन्होनं ’वानरसेना’ नामक एक बाल उपन्यास भी लिखा है।
Bahadur Class 10th Solution Notes
पाठ परिचय
बहादुर नामक कहानी में एक नेपाली गोरखे गांव से आकर शहर के एक निम्न-मध्यमवर्गीय परिवार में नौकरी करता है। वह सभी सदस्यों के साथ आत्मीयता से काम करता है, लेकिन परिवार के दुर्व्यवहार के कारण उसे नौकरी छोड़ना पड़ता है। उसकी आत्मीयता और त्याग का परिणाम होते हुए परिवार के हर सदस्य में असहनीय अन्तर्व्यथा उत्पन्न होती है, क्योंकि परिवार के मुखिया का झूठ और क्रूरता का पर्दाफाश होता है।
पाठ का सारांश
यह पाठ ‘बहादुर’ अमरकांत द्वारा लिखा गया है। इसमें लेखक ने एक नेपाली लड़के बहादुर के रंग-रूप, स्वभाव, कर्मनिष्ठा, त्याग और स्वाभिमान का विवेचन किया है।
एक दिन लेखक ने ठगना चकइठ शरीर और गोरे रंग के चपटे मुखवाले लड़के को देखा जो बारह-तेरह साल का था। वह एक सफेद नेकर, आधी बाँह की सफेद कमीज और भूरे रंग के पुराने जूते पहन रहा था। उसके गले में एक रूमाल बाँधा था जो स्काउटों की तरह था। उसके परिवार के सभी सदस्य उसे निहायत पैनी नज़रों से देख रहे थे। लेखक को उसे नौकरी पर रखना अति आवश्यक हो गया था, क्योंकि उनके भाई और रिश्तेदारों के घर में भी नौकर थे।
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उनकी भाभियाँ रानी की तरह चारपाइयाँ तोड़ती थीं, जबकि उनकी पत्नी निर्मला दिन से लेकर रात तक परेशान रहती थी। इसलिए लेखक के साले ने उनके घर नौकर के लिए लाया था। वह नेपाल तथा बिहार की सीमा पर रहता था और उसका बाप युद्ध में मारा गया था। माँ ही सारे परिवार का भरण-पोषण करती थीं। वह गुस्सैल स्वभाव की थी और चाहती थी कि उसका बेटा घर के काम में हाथ बटाए, किन्तु उसके नाम पर वह जंगलों में भाग जाता था, जिसकारण माँ उसे मारती थी। एक दिन चराने ले गये पशुओं में से उस भैंस को उसने बहुत मारा, जिसको उसकी माँ उसे बहुत प्यार करती थी। भैंस मारकर भागीदृश्य में उसकी माँ के पास पहुंच गई। माँ ने उसकी निर्दयता से पिटाई की, काल्पनिक मार के कारण।
लड़के का मन माँ से फट गया। उसने माँ के रखे रूपयों में से दो रूपये निकाल लिए और वहाँ से भाग गया तथा छः मील दूर बस-स्टेशन पहुँच गया। वहाँ उसकी भेंट लेखक से होती है। लेखक ने उसका नाम पूछा। उसने अपना नाम दिलबहादुर बताया। लेखक तथा उसकी पत्नी ने उसे काम के ढंग के बारे में बताया, साथ ही, मीठे वचनों से उसका दिल भर दिया। निर्मला ने उसके नाम से ’दिल’ हटा दिया। वह अब दिलबहादुर से बहादुर बन गया।
बहादुर एक हँसमुख तथा मेहनती लड़का था। वह हर काम हँसते हुए कर लेता था। लेखक की पत्नी निर्मला भी उसका पूरा ख्याल रखती थी। उसकी वजह से घर में उत्साहपूर्ण वातावरण था।
निर्मला किसी ऐसे नौकर को धन्य मानती थी, जिसे वह अपने बच्चों की तरह रखती थी। आँगन में खड़ी होकर पड़ोसियों से पूछती थी, “बहादुर, तुम नास्ता क्यों नहीं करते? मैं तो दूसरी औरतों की भाँति नहीं हुँ।” बहादुर ने सवेरे उठकर नीम के पेड़ से दातुन तोड़ना, घर की सफाई करना, कमरों में पोंछा लगाना, चाय बनाना और पिलाना, दोपहर में कपड़े धोना, बर्तन मलना आदि काम करने लगा। वह सिधा-साधा और रहमदिल बालक था। अपनी मालकिन की तबीयत खराब होने पर भी उसने काम न करने का आग्रह नहीं किया। जब दवा का समय होता तो वह भालू की तरह दौड़ता हुआ कमरे में जाता और निर्मला के सामने दवाई का डिब्बा रख देता था।
वह एक कृतज्ञ बालक था। जब निर्मला ने पूछा कि उसे माँ की याद क्यों नहीं आती, तो उसने कहा कि माँ बहुत मारती थी इसलिए उसे माँ की याद नहीं आती, लेकिन माँ के पास पैसा भेजने के संबंध में उसने कहा कि माँ-बाप का कर्ज जन्म से ही भरा होता है। इससे स्पष्ट होता है कि वह मस्त और नेक इंसान था।
उसकी मस्ती का पता रात का काम समाप्त करने के बाद एक टूटी खाट पर बैठ जाते हुए पता चलता था, वह नेपाली टोपी पहनता था और आइने में बंदर की तरह मुँह देखता रहता था। कुछ देर खेलने के बाद, वह धीमे स्वर में गुनगुनाने लग जाता था। उसके पहाड़ी गाने से घर में मीठी उदासी छा जाती थी। लेखक को उसके गीत सुनकर ऐसा लगता था कि जैसे कोई पहाड़ की निर्जनता में अपने किसी बिछड़े हुए साथी को बुला रहा हो।
लेखक को ऊँचा समझने वाले मोहल्ले के लोग नौकरी की वजह से उनको तुच्छ मानने लगे। घर के सभी लोग बहादुर की वजह से आलसी हो गए। बहादुर की पुकार से नौकर को मामूली काम के लिए बुलाया जाने लगा और उसे हमेशा नाचना पड़ता था। बड़े लड़के किशोर ने बहादुर को अनुशासित रखने के लिए अपना सारा काम सौंप दिया। लेकिन यदि काम में गड़बड़ी होती तो बहादुर उसको गालियाँ देता और मारता भी था।
लेखक की मनोस्थिति बदल जाती है। अब वह नौकर को नजरंदाज नहीं करता बल्कि उसे खाना बनाने के लिए मजबूर करता है। अगर नौकर रोटी नहीं बनाता तो उसे मार खाना पड़ता है।
कभी-कभी एक गलती के लिए निर्मला तथा किशोर दोनों मारते थे, जिस कारण बहादुर से अधिक गलतियाँ होने लगी। लेखक यह सोचकर चुप रहने लगे कि नौकर-चाकर के साथ मारपीट होना स्वभाविक है। इसी बीच एक दूसरी घटना घट जाती है, जब लेखक के घर एक रिश्तेदार आता है। रोहु मछली और देहरादूनी चावल उनके भोजन के लिए मंगाया जाता है और नास्ता-पानी के बाद बातों की जलेबी छनने लगती है। अचानक उस रिश्तेदार की पत्नी रूपये गुम होने की बात कहकर घर में भूचाल उत्पन्न कर देती है, जिससे बहादुर को दोष मिलता है। लेखक को विश्वास नहीं होता, क्योंकि बहादुर ने जब इधर-उधर पैसे पड़ा देखता तो उठाकर निर्मला के हाथ में दे दिया करता था।
लेकिन जब रिश्तेदार ने यह कहा कि नौकर-चाकर चोर होते हैं, तब लेखक ने उससे कड़े स्वर में पूछा- “क्या तुमने यहाँ से पैसे चुराए हैं?” उसने निर्भीकतापूर्वक उत्तर दिया, “नहीं बाबूजी”। बहादुर का मुँह काला पड़ गया, तब लेखक ने उसके गाल पर एक तमाचा जड़ दिया जिससे उसकी आँखों से आँसू गिरने लगे। उसी समय, रिश्तेदार साहब ने बहादुर का हाथ पकड़कर दरवाजे की ओर घसीट कर ले गए, जैसे पुलिस को देने जा रहे हों। फिर भी, जब बहादुर ने पैसे लेने की बात से इनकार किया तो निर्मला ने भी अपना रोब जमाने के लिए उसे एक-दो तमाचे जड़ दिए।
इस घटना के बाद बहादुर को काफी डाँट-मार खानी पड़ी। किशोर ने उसकी जान की चिंता करनी शुरू कर दी थी। एक दिन बहादुर उस जगह से भाग निकल गया।
लेखक ने जब अपने दफ्तर से लौट कर देखा, तब उसके घर में उदासी का माहौल था। निर्मला चुपचाप आँगन में सिर रखकर बैठी थी। आँगन गंदा पड़ा हुआ था और बर्तन बिना माले रखे थे। सारे घर में अस्त-व्यस्तता छाई थी। बहादुर के जाने के बाद सबका होश उड़ गया था। निर्मला अपनी बदकिस्मती पर रोना रो रही थी।
लेखक ने बहादुर का त्याग देखकर भौंचक्का हो जाता है, क्योंकि वह उसके तनख्वाह, वस्त्र, विस्तर और जूते सब कुछ छोड़ गया था, जिससे उसकी असमर्थता तथा दर्द का पता चलता है। वह गरीब होते हुए भी अपने आत्म अभिमान से भरपूर था। उसके मार और गाली-गलौज के कारण उसे माँ से दुखी महसूस होता था और उसने अपने घर का त्याग कर दिया था।
बहादुर Subjectives Questions
प्रश्न 1. बहादुर के आने से लेखक के घर और परिवार के सदस्यों पर कैसा प्रभाव पड़ा? (Text Book,2013C)
उत्तर- बहादुर आने से घर के सदस्यों को आराम मिल रहा था। घर साफ और चिकना था और सभी कपड़े चमकते हुए सफेद नजर आ रहे थे। निर्मला की तबीयत भी सुधर गई थी।
प्रश्न 2. अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए। (पाठ्य पुस्तक, 2011A)
उत्तर – बहादुर को पहली बार देखा गया था जब वह बारह-तेरह साल का था। उसकी त्वचा गोरी थी, मुँह चपटा था और शरीर दुबला-पतला था। वह सफेद नेकर, आधी बाँह की सफेद कमीज और भूरे रंग के पुराने जूते पहने हुए था।
प्रश्न 3. निर्मला को बहादुर के चले जाने पर किस बात का अफसोस हुआ? (पाठ्य पुस्तक, 2011A)
उत्तर- जब बहादुर की निर्दोषता का पता चला और रिश्तेदार की सच्चाई समझ में आई, तब निर्मला को दुख हुआ। उसने सोचा कि बिना बताये बहादुर क्यों चला गया।
प्रश्न 4. साले साहब से लेखक को कौन-सा किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा? (पाठ्य पुस्तक)
उत्तर- लेखक को साले साहब से एक दुखी लड़के का किस्सा सुनना पड़ा। किस्से में बताया गया था कि बहादुर नेपाली था, उसके पिता को युद्ध में मार दिया गया था और उसकी माँ सारे परिवार का भरण-पोषण करती थी।
प्रश्न 5. बहादुर पर ही चोरी का आरोप क्यों लगाया जाता है और उस पर इस आरोप का क्या असर पड़ता है? (Text Book,2017A)
उत्तर- रिश्तेदार सोचता है कि नौकर पर आरोप लगाने से लोग यह सोचेंगे कि ऐसा हो सकता है। बहादुर इस आरोप से बहुत दुःखी होता है और उसकी आत्मा में गहरी चोट लगती है। उस दिन से वह उदास रहता है।
प्रश्न 6, बहादुर अपने घर से क्यों भाग गया था? (Text Book, 2017A)
उत्तर- बहादुर ने अपनी माँ की प्यारी भैंस को मारा था। माँ ने उसे दंड देकर दुगुनी पिटाई की। लेकिन इससे बहादुर का मन टूट गया था और वह गुप्त रूप से कुछ रुपए लेकर घर से भाग गया।
प्रश्न 7. ’बहादुर’ का चरित-चित्रण करें।
उत्तर – ‘बहादुर’ कहानी का मुख्य पात्र है जिसकी उम्र तेरह-चौदह वर्ष है। उसकी लंबाई छोटी है, गोरे रंग का शरीर और चपटा मुंह है। वह अपनी माँ की उपेक्षा और उसके द्वारा की जाने वाली उत्पीड़ना का शिकार है। उसका काम चुस्त-दुरुस्त और फुर्तीला है और उसमें मानवीय भावनाएं हैं। उसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह स्वाभिमानी और ईमानदार है।
प्रश्न 8. किन कारणों से बहादुर ने एक दिन लेखक का घर छोड़ दिया? (Text Book,2016C)
उत्तर- लेखक के घर में शुरुआत में बहादुर का अच्छा ख्याल रखा गया था। थोड़ी देर बाद, उसकी पत्नी और पुत्र उसे बार-बार पिटते थे। एक रिश्तेदार के कारण लेखक ने भी उसकी पिटाई कर दी। एक दिन बहादुर थक गया था क्योंकि वह बार-बार प्रताड़ित हो रहा था और उसे मारा जा रहा था, इसलिए वह अचानक भाग गया।
प्रश्न 9. कहानीकार ’अमरकान्त’ को क्यों लगता है कि नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया था? (Text Book,2012C)
उत्तर- लेखक की पत्नी निर्मला दिनभर खटती रहती थीं और शाम तक काम करती रहती थीं। सभी रिश्तेदारों के यहाँ नौकरों की विभिन्न सुविधाएं देखकर लेखक को उनसे जलन भी होती थी। नौकरी के न होने के कारण लेखक और उसकी पत्नी लगभग अपने को अभावी समझने लगे थे। इस परिस्थिति में नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया था।
प्रश्न 10. लेखक को क्यों लगता है कि जैसे उस पर एक भारी दायित्व आ गया हो? (Text Book)
उत्तर- लेखक के घर में ऐसा माहौल बन गया था कि उन्हें लगने लगा कि नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया है। लेकिन अब उन्हें एक भारी दायित्व समझ में आ गया था कि वे किस तरह का नौकर रखें और कहाँ से मिलेगा।
प्रश्न 11. बहादुर के नाम से ’दिल’ शब्द क्यों उड़ा दिया गया ? विचार करें। (Text Book)
उत्तर- बहादुर ने पहली बार नाम पूछा गया तो उन्होंने अपना नाम दिलबहादुर बताया। यहाँ शब्द ‘दिल’ का अभिप्राय भावात्मक है। उसे उदारता से दूर करके सिर्फ अपने घर के काम में लगा रहने की सलाह दी गई। इस तरह निर्मला ने उनके नाम से ‘दिल’ शब्द को निकाल दिया।
प्रश्न 12. घर आए रिश्तेदारों ने कैसा प्रपंच रचा और उसका क्या परिणाम निकला? (Text Book)
उत्तर- लेखक के घर आने वाले रिश्तेदार ने झूठी प्रतिष्ठा बनाने के लिए रुपया चोरी करने का दोहन तैयार किया। उन्होंने बहादुर पर चोरी का आरोप लगाया, जिससे उसे पिटाई की सजा मिली। रिश्तेदार के प्रपंच के कारण लेखक के घर के कामगार बहादुर को निकाल दिया गया, जिससे घर में अस्त-व्यस्तता हुई।
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प्रश्न 13. बहादुर के चले जाने पर सबका पछतावा क्यों होता है? (Text Book,2011C,2013C)
उत्तर – बहादुर घर में सभी कार्य कुशलतापूर्वक करता था। सभी सदस्य को आराम मिलता था और उन्हें किसी भी कार्य हेतु बहादुर को पुकारना होता था। वह सभी को मुक्त रखने के साथ ही सबको खुश रखता था। वह डाट फटकार के बावजूद काम करता रहता था और सबसे हिलमिलाता रहता था। इसलिए जब उसके चले जाने पर सबको उसकी याद आती है तो सबको पछतावा होता है।
प्रश्न 13. बहादुर के चले जाने पर सबका पछतावा क्यों होता है? (Text Book,2011C,2013C)
बहादुर घर के सभी कामों को कुशलतापूर्वक करता था जिससे घर के सभी सदस्यों को आराम मिलता था। हर काम हेतु हर सदस्य बहादुर को पुकारते थे। उन्होंने घर के कामों से सभी को मुक्त रखा। वह सबसे मिल-जुलकर रहता था। वह डांट-फटकार के बावजूद भी काम करता रहता था। यही सब कारण हैं जिसके कारण जब वह चला गया तो सभी को पछतावा हुआ।
बहादुर Objectives Questions
प्रश्न 1. बहादुर का पुरा नाम क्या था?
(क) खुश बहादुर
(ख) दिल बहादुर
(ग) कुल बहादुर
(घ) नूर बहादुर
उत्तर- (ख) दिल बहादुर
प्रश्न 2. निरमला कौन थी?
(क) कहानीकार की नौकरानी
(ख) कहानीकार की अम्मा
(ग) कहानीकार की पत्नी
(घ) कहानीकार की दादी
उत्तर- (ग) कहानीकार की पत्नी
प्रश्न 3. बहादुर कहाँ से भाग कर आया था?
(क) पूना से
(ख) लखनउ से
(ग) दिल्ली
(घ) नेपाल
उत्तर- (घ) नेपाल
प्रश्न 4. बहादुर अपने घर से क्यों भाग गया था?
(क) गरीबी के कारण
(ख) माँ की मार के कारण
(ग) शहर घुमने के लिए
(घ) कमाने के लिए
उत्तर- (ख) माँ की मार के कारण
प्रश्न 5. बहादुर कहाँ का रहनेवाला था?
(क) बिहार
(ख) नेपाल
(ग) उत्तरप्रदेश
(घ) भूटान
उत्तर- (ग) उत्तरप्रदेश
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प्रश्न 6.लेखक के रिश्तेदार ने बहादुर पर क्या आरोप लगाया?
(क) पैसे चूराने का
(ख) गहना चूराने का
(ग) अंगूठी चूराने का
(घ) माला चूराने का
उत्तर- (क) पैसे चूराने का
प्रश्न 7. बहादुर लेखक को क्या कहकर सम्बोधित करता था?
(क) मालिक
(ख) साहब
(ग) बाबूजी
(घ) साव जी
उत्तर- (ग) बाबूजी
प्रश्न 8. बहादुर लेखक के घर से अचानक क्यों चल गया?
(क) दूसरी नौकरी मिल जाने के कारण
(ख) माँ की याद आ जाने के कारण
(ग) स्वं के प्रति लेखक तथा उसके घरवालों की व्यव्हार में आए परिवर्तन के कारण
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (ग) स्वं के प्रति लेखक तथा उसके घरवालों की व्यव्हार में आए परिवर्तन के कारण
प्रश्न 9. बहादुर पर कितने रूपये के चोरी का आरोप लगा था?
(क) 10 रूपये
(ख) 11 रूपये
(ग) 12 रूपये
(घ) 13 रूपये
उत्तर- (ख) 11 रूपये
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प्रश्न 10. बहादुर से मार खाकर भैंस भागी-भागी किसके पास चली आई ?
(क) बहन के
(ख) माँ के
(ग) भाई के
(घ) नानी के
उत्तर- (ख) माँ के
प्रश्न 11. बहादुर का बाप कहाँ मारा गया था?
(क) युद्ध में
(ख) चोरी में
(ग) हिंसा में
(घ) आंदोलन में
उत्तर- (क) युद्ध में
प्रश्न 12. अमरकांत के द्वारा लिखी हुई कहानी का नाम है?
(क) इदगाह
(ख) ठेस
(ग) विष के दाँत
(घ) बहादुर
उत्तर- (घ) बहादुर
प्रश्न 13. जिन्दगी और जोंक किस लेखक की रचना है?
(क) भीमराव अम्बेडकर
(ख) महात्मा गाँधी
(ग) अशोक वाजपेयी
(घ) अमरकांत
उत्तर- (घ) अमरकांत
प्रश्न 14. बहादुर को लेकर कौन आया था?
(क) लेखक का भाई
(ख) लेखक का शाला
(ग) लेखक की माँ
(घ) लेखक की बहन
उत्तर- (ख) लेखक का शाला
प्रश्न 15. लेखक अमरकांत ने हाई स्कूल की शिक्षा कहाँ से प्राप्त की?
(क) बलिया से
(ख) छपरा से
(ग) आरा से
(घ) बक्सर से
उत्तर- (क) बलिया से
प्रश्न 16. बहादुर शिर्षक कहानी में किशोर कौन था?
(क) लेखक का पुत्र
(ख) लेखक के साले का पुत्र
(ग) लेखक के भाई का पुत्र
(घ) लेखक का चचेरा भाई
उत्तर- (क) लेखक का पुत्र
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