BSEB Class 10 Social science Geography 5. (ख) बिहार : उद्योग एवं परिवहन | Bihar Udyog Avn Parivahan class 10th solution

इस पोस्‍ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 के सामाजिक विज्ञान भूगोल के पाठ 5. (ख) बिहार : उद्योग एवं परिवहन(Bihar Udyog Avn Parivahan class 10th solution) को पढ़ेंगे। 

Bihar Udyog Avn Parivahan class 10th solution

(ख) बिहार : उद्योग एवं परिवहन

बिहार के अधिकतर बड़े उद्योग बिहार विभाजन के बाद झारखण्ड राज्य में चले गए और बिहार से बड़े उद्योग लगभग विलुप्त हो गये।

दसवीं पंचवर्षीय योजना काल में औद्योगिक विकास दर 9.8 प्रतिशत था। किन्तु बिहार की औद्योगिक आय पूरे देश के औद्योगिक आय का मात्र 0.4 (2004-05) प्रतिशत ही था।

बिहार में 1500 लघु उद्योग, 98000 अतिलघु/अत्यन्त लघु औद्योगिक इकाइयाँ और 68000 शिल्प उद्योग इकाइयाँ मौजूद हैं।

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कृषि पर आधारित उद्योग :

चीनी उद्योग :

भारत की पहली चीनी मिल डच कम्पनी द्वारा 1840 में बेतिया में स्थापित किया गया था।

बिहार में 10 टन गन्ना से एक टन चीनी प्राप्त होता है। 1960 के पूर्व यहाँ पूरे भारत की लगभग एक तिहाई चीनी बिहार से प्राप्त होता था।

बिहार में चीनी उद्योग एक महत्वपूर्ण उद्योग है। पहले यहाँ चीनी मिलों की संख्या 29 थी लेकिन 2006-07 में इसकी संख्या घटकर मात्र 09 रह गई है।

बिहार में चीनी की अधिकतर मिलें उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में विकसित है। पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सिवान, गोपालगंज और सारण जिला में चीनी मिलें केंद्रित हैं, क्योंकि यह क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए अत्यन्त अनुकूल हैं।

चीनी मिलें से सह-उत्पादन के रूप में विद्युत, कागज, छोवा एवं इथेनॉल का निर्माण भी होता है।

जूट उद्योग : जूट बिहार की ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का महत्वपूर्ण उद्योग है। कपास के बाद भारत का यह दूसरा महत्वपूर्ण उद्योग है। आजादी से पहले भारत में जूट के 110 कारखाने थे। इनमें सबसे अधिक पश्चिम बंगाल और बिहार में केन्द्रित थे। आजादी के बाद जूट पैदा करने वाला अधिकतर भाग बंगलादेश में भाग गया जिसके कारण इस उद्योग को भारी झटका लगा। वर्तमान में बिहार में जूट के तीन बड़े कारखाने हैं। कटिहार, पूर्णिया और दरभंगा में है। अभी सिर्फ कटिहार का कारखाना कार्यरत है।

तम्बाकू उद्योग : तम्बाकू पर आधारित उद्योग में बीड़ी तथा सिगरेट के कारखाने आते हैं। तम्बाकू उत्पादन में बिहार का स्थान देश में लागातार घट रहा है।

चावल, दाल एवं आटा मील : बिहार की सबसे प्रमुख फसल धान है। धान को कूट कर चावल तैयार किया जात है। बिहार में सबसे अधिक चावल की मिलें भोजपूर, रोहतास और पूर्वी चम्पारण जिलों में हैं, इन जिलों में चावल की मीलों की संख्या 520 हैं। यहाँ लगभग 2000 आटा की मीलें हैं।

तेल मिल :- बिहार में तीसी, राई, सरसों, तेल, सूरजमूखी से तेल निकाले जाते हैं और इसकी फसल भी लगाई जाती हैं। यहाँ 500 तेल मीलें हैं।

चर्म उद्योग :- बिहार में यह उद्योग मुख्य रूप से कुटीर उद्योग के रूप में विस्तृत हैं, अधिकांश चर्म उद्योग बेतिया, मुजफ्फरपूर, पूर्णिया, कटिहार, पटना, आरा और औरंगाबाद में अवस्थित हें।

वस्त्र उद्योग बिहार का एक प्राचीन उद्योग हैं, यह काम यहाँ ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र दोनों में होता है। बिहार में सूती, रेशमी एवं ऊनी वस्त्र तैयार किया जाता हैं। कच्चे माल के अभाव के कारण बिहार में सूती वस्त्र उद्योग का अधिक विकास नहीं हुआ हैं। डुमरांव, गया, मोकामा, मुंगेर, फुलवारीशरीफ, ओरमाझी और भागलपूर में हुआ है। भागलपूर, मुजफ्फरपूर, गया एवं दरभंगा में रेशमी वस्त्र का उद्योग हुआ हैं।

खनिज आधारित उद्योग :- बिहार में खनिज का अभाव है खनिज पर आधारित उद्योगों में सीमेंट उद्योग का रासायन उद्योग एवं काँच उद्योग प्रमुख हैं।

सीमेंट उद्योग :- सीमेंट उद्योग के लिए सबसे प्रमुख माल चूना पत्थर हैं। बिहार में सम्पूर्ण देश का मात्र 5% चूना पत्थर प्राप्त होता हैं।

रासायनिक उद्योग :

अम्ल, क्षार एवं उर्वरक रासायनिक उद्योग में भारी वस्तुओं के उद्योग है। बिहार में उर्वरक का सबसे महत्वपूर्ण कारखाना बरौनी में स्थापित है।

रंग, वर्निश, तेल, साबुन, दवाईयाँ आदि रासायनिक उद्योग के अंतर्गत आते हैं।

काँच उद्योग :

यह उद्योग बिहार का प्राचीन उद्योग है, यहाँ पहले काँच की चूड़ियाँ बनाई जाती थी। बिहार में काँच का उत्पादन पटना, हाजीपुर, दरभंगा और भागलपूर में होता है।

पर्यटन उद्योग :

बिहार में पर्यटन प्रमुख उद्योग के रूप में उभरने की क्षमता है। लेकिन बिहार सरकार इस उद्योग पर कम ध्यान दे रही है। यहाँ की सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक स्थलें, प्राकृतिक सौंदर्य पूरे संसार के लोगों को आकृष्ट करने की क्षमता रखता है। बिहार के पर्यटन मानचित्र में बौद्ध मठ, जैन मंदिर, सिखों के गुरूद्वारें और सूफी संतों की दरगाहें मौजूद है। इन पर्यटन स्थलों में राजगीर, पाटलीपुत्र, वैशाली, बौधगया, नालंदा, पावापुरी, पटना साहेब, गया, सुलतानगंज, बाल्मिकीनगर, देव, सोनपुर, सासाराम, मनेर, बिहारशरीफ जैसे अनेक स्थान प्रसिद्ध हैं।

बिहार में इस उद्योग पर विशेष ध्यान नहीं है फिर भी यहाँ राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

अन्य प्रमुख उद्योग- ऊपर वर्णन किये गए उद्योगों के अलावा अन्य उद्योगों का यहाँ विकास हुआ है। इनमें बरौनी में तेलशोधन कारखाना और पेट्रो रसायन उद्योग स्थापित है। मुंगेर में बंदुक, पूर्णिया में कीटनाशक उद्योग और बेतिया में प्लास्टिक उद्योग स्थापित हैं। कहलगाँव, बरौनी तथा काँटी में ताप विद्युत केन्द्र स्थापित हैं।

नालंदा में कोल्ड स्टोरेज और आलू से सम्बंधित (पाउडर, चिप्स) उद्योग खोला गया है।

बिहार में औद्योगिक पिछड़ेपन का प्रमुख कारण-

  1. कच्चे माल की कमी यहाँ की सबसे बड़ी समस्या है। यहाँ खनिजों का अभाव है।
  2. संरचनात्मक सुविधाओं में कमी- परिवहन, ऊर्जा, भण्डारण की कमी, बाजार की कमी
  3. आधुनिकरण हेतु पूँजी और तकनिकी की कमी।
  4. विदेशी निवेश की कमी

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बिहार में परिवहन :

बिहार का अधिकतर भाग मैदानी है, इसलिए यहाँ परिवहन के प्रायः सभी स्थलीय साधनों का विकास हुआ है।

बिहार में मूल रूप से सड़क मार्ग एवं रेलमार्ग तथा सीमित रूप से नदी जलमार्ग, वायु मार्ग एवं रज्जूमार्ग का विकास हुआ है।

सड़क मार्ग :

बिहार में सड़क मार्ग का विकास सबसे पहले हुआ। यह बिहार के प्राचीन साधनों में से है। आजादी के बाद बिहार में सड़क का विस्तार अधिक हुआ है। आजादी के समय यहाँ सड़कों की कुल लंबाई 2104 किमी थी जबकि वर्तमान में यहाँ सड़कों की लंबाई 81680 किमी है।

रेल मार्ग :

बिहार में रेलमार्ग का विकास ब्रिटिशकाल में सर्वप्रथम 1860 में हुआ था। गंगा के किनारे इस्ट इंडिया कम्पनी ने कोलकाता तक पहली रेल लाईन बिछाई।

2001 तक बिहार में रेल लाईन की कुल लंबाई 6,283 किमी० हो गई। हाजीपुर में 2002 में पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय स्थापित किया गया था।

जल मार्ग :

बिहार एक भू-आवेशित राज्य है। इसे समुद्री मार्ग से कोई सम्पर्क नहीं है। यहाँ जलमार्ग के लिए नदियों का उपयोग किया जाता है।

गंगा, घाघरा, कोसी, गण्डक और सोन नदियाँ मुख्य रूप से जल परिवहन के लिए उपयोग की जाती है।

वर्तमान में गंगा नदी में हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जल मार्ग विकसित किया गया है। महेन्द्रु घाट के निकट एक राष्ट्रीय पोत संस्थान की स्थापना भी की गई है।

वायु मार्ग :

बिहार की ढ़ीली अर्थव्यवस्था के कारण यहाँ वायु मार्ग का विकास पूरी तरह नहीं हो पाया है। सिर्फ यहाँ पटना और बोधगया में ही अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के हवाई अड्डों का विकास हुआ है। यहाँ से काठमाण्डू, कोलकाता, मुम्बई, लखनऊ, राँची तथा दिल्ली के लिए वायु सेवा उपलब्ध है। बोध गया से साप्ताहिक उड़ान बैंकॉक के लिए होती है। इसके अलावा यहाँ मुजफ्फरपुर, जोगवनी, रक्सौल, भागलपुर, बिहटा आदि सात हवाई अड्डे हैं।

रज्जू मार्ग :

रज्जू मार्ग का उपयोग पर्वतीय एवं दूर्गम स्थानों के लिए होता है। बिहार में राजगीर के गृद्धकूट पर्वत पर बौद्ध शांति स्तूप पर जाने के लिए रज्जू मार्ग का विकास किया गया है। इसका निर्माण 1972 में जापान सरकार के द्वारा किया गया था। बांका जिला में मन्दार हिल को भी जल्द ही रज्जू मार्ग से शीघ्र जोड़ दिया जायेगा। यह स्थान जैनियों के लिए तीर्थ स्थल है।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. बिहार में जूट उद्योग पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर- जूट बिहार का ही नहीं बल्कि पूर्व भारत का एक महत्वपूर्ण उद्योग है। आजादी से पूर्व भारत में 110 जूट के कारखाने थे। इनमें सबसे अधिक पश्चिम बंगाल एवं बिहार में ही केंद्रीत थे।

प्रश्न 2. गंगा किनारे स्थित महत्वपूर्ण औद्योगिक केन्द्रों का उल्लेखन कीजिए।

उत्तर- बिहार राज्य में गंगा नदी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बिहार राज्य में गंगा नदी के दोनों किनारों पर कृषि फसल आधारित उद्योगों का विकास अधिक हुआ है। इसमें प्रमुख रूप चावल दाल एवं आटा उद्योग का विकास बाढ़, मोकामा, शेखपुरा आदि इसके साथ ही मोकामा से दानापुर तथा हाजीपुर के समीप सब्जी उद्योग का विकास हुआ है।

प्रश्न 3. औद्योगिक विकास हेतु बिहठा के पहल को बताएँ।

उत्तर- बिहटा बिहार राज्य में उद्योगों के विकास से पुराने उद्योगों को संचालित करना एवं नए उद्योगों को विभिन्न क्षेत्रों में जोर देने का कार्य करता है। उद्योग से संबंधित लाइसेंस, अनुदान और वस्तु की गुणवता का कार्य करता है। बिहार राज्य के कृषि एवं खनिज आधारित उद्योगों के विकास में बिहठा की भूमिका है।

प्रश्न 4. नई औद्योगिक नीति के प्रमुख बिन्दुओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर- नई औद्योगिक नीति के मुख्य बिन्दु निम्‍नलिखित है।

(1) बिहार राज्य के पुराने उद्योगों को संचालित करना।

(2) सरकार के द्वारा नए उद्योगों की स्थापना करना।

(3) बिहार राज्य के औद्योगिक विकास में निवेश करना।

(4) मुक्त निवेश हेतु छूट प्रदान करना।

(5) कृषि आधारित उद्योग को लगाने पर बल देना।

(6) उद्योगों के विकास में सुविधा पर जोर देना।

प्रश्न 5. जमालपुर में किस चीज का वर्कशॉप है, और क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर- जमालपुर, मुँगेर जिला में है। यहाँ डीजल ईंजन का कार्य होता है। यहाँ डीजल आधारित इंजनों का निर्माण होता है। जहाँ भारत के गैर विद्युतीकरण रेलवे क्षेत्रों में इसका उपयोग किया जाता है। जमालपुर रेल इंजन से संबंधित वर्कशॉप कारखाना के रूप में विकास किया है।

प्रश्न 6. राजगीर के औद्योगिक विकास पर अपना विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर- नालन्दा जिला में स्थित राजगीर पर्यटन क्षेत्र में विकास किया है। देशों के पर्यटन ऐतिहासिक एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के स्मारक खंडहर एवं जैन मठ, रज्जू मार्ग इत्यादि राजगीर बौद्ध एवं जैन धर्मो का प्राचीन केन्द्र है। वर्तमान समय में यहाँ एक आयुध कारखाना का निर्माण हो रहा है। सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाओं में उद्योगों के विकास में बल दिया जा रहा है।

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प्रश्न 7. मुंगेर में कौन-कौन से उद्योग विकसित हैं ? वर्णन कीजिए।

उत्तर- मुंगेर में तम्बाकू उद्योग, तेल उद्योग, बंदूक उद्योग, डीजल इंजन उद्योग एवं पर्यटन उद्योग का विकास हुआ। मुंगेर के दिलावरपुर में इस्पेरियल टोबेको बीड़ी एवं सिगरेट का कारखाना, सरसों एवं राई के उत्पादन से तेल उद्योग तथा ऐतिहासिक पर्यटन उद्योगों का विकास प्रमुख रूप से हुआ है।

प्रश्न 8. उत्तरी बिहार की अपेक्षा दक्षिणी बिहार में सड़कों का विकास अधिक हुआ है, क्यों?

उत्तर- उत्तरी बिहार की अपेक्षा दक्षिणी बिहार में सड़कों का विकास अधिक हुआ क्योंकि उत्तरी बिहार में हिमालय से निकलने वाली नदियों के द्वारा प्रत्येक वर्ष बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है जिससे रोड का विकास नहीं हो पाता है।

उत्तरी बिहार में दक्षिणी बिहार की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है जिससे रोड का निर्माण नहीं हो पाता है।

प्रश्न 9. बिहार में नदियों का परिवहन क्षेत्र में क्या योगदान है?

उत्तर- बिहार राज्य की प्रमुख नदी गंगा, घाघरा, कोसी, गण्डक से लकड़ी, फल, सब्जी, सोन नदी से बालू और पुनपुन नदी से बाँस ढ़ोने का कार्य होता है। वर्तमान समय में पटना के महेन्द्रु घाट में गंगा नदी पर हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जलमार्ग का विकास किया गया। जिससे सामानों एवं यात्रियो को ढ़ोने का कार्य किया जाता है।

प्रश्न 10. बिहार के प्रमुख हवाई अड्डों का नाम लिखिए और वह कहाँ स्थित है?

उत्तर-बिहार के प्रमुख हवाई अड्डा और उनकी स्थित निम्नलिखित है—

(1.) जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई पतन—यह पटना में स्थित है।

(2. गया अंतराष्ट्रीय हवाई पतन—यह गया में स्थित है।

(3.) मुजफ्फरपुर हवाई अड्डा—यह मुजफ्फरपुर में स्थित है।

(4.) जोगवनी हवाई अड्डा—यह पूर्णिया में है।

(5.) रक्सौल हवाई अड्डा—यह रक्सौल में है।

(6.) भागलपुर हवाई अड्डा—यह भागलपुर में है।

(7.) बिहटा हवाई अड्डा—यह पटना में है।

प्रश्न 11. उत्तरी बिहार के रेल मार्ग की विवेचना कीजिए।

उत्तर- बिहार में रेलमार्ग का विकास ब्रिटिशकाल में सर्वप्रथम 1860 में हुआ था। गंगा के किनारे इस्ट इंडिया कम्पनी ने कोलकाता तक पहली रेल लाईन बिछाई।

2001 तक बिहार में रेल लाईन की कुल लंबाई 6,283 किमी. हो गई। हाजीपुर में 2002 में पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय स्थापित किया गया था।

प्रश्न 12. बिहार में जल मार्ग पर अपना विचार प्रस्तुत करें।

उत्तर- बिहार एक भू-आवेशित राज्य है। इसे समुद्री मार्ग से कोई सम्पर्क नहीं है। यहाँ जलमार्ग के लिए नदियों का उपयोग किया जाता है।

गंगा, घाघरा, कोसी, गण्डक और सोन नदियाँ मुख्य रूप से जल परिवहन के लिए उपयोग की जाती है।

वर्तमान में गंगा नदी में हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जल मार्ग विकसित किया गया है। महेन्द्रु घाट के निकट एक राष्ट्रीय पोत संस्थान की स्थापना भी की गई है।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. बिहार के कृषि आधारित किसी एक उद्योग के विकास एवं वितरण पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- बिहार के उद्योगों में चीनी उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान है। भारत की पहली चीनी मिल डच कम्पनी द्वारा 1840 में बेतिया में स्थापित किया गया था। बिहार में 10 टन गन्ना से एक टन चीनी प्राप्त होता है। 1960 के पूर्व यहाँ पूरे भारत की लगभग एक तिहाई चीनी बिहार से प्राप्त होता था।

चीनी मीलों की संख्या 29 थी लेकिन 2006-07 में इसकी संख्या घटकर मात्र 09 रह गया।

बिहार में चीनी की अधिकतर मीलें उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में विकसित है। पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सि‍वान और सारण जिला में चीनी अधिक मिलता है क्योकि गन्ना उत्पादन की संख्या अधिक है।

चीनी मीलें से सह उत्पादन के रूप में विद्युत, कागज, छोवा एवं इथेनॉल का निर्माण भी होता है।

प्रश्न 2. बिहार में वस्त्र उद्योग पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

उत्तर- वस्त्र उद्योग बिहार राज्य का प्राचीन उद्योग है जिसका विकास ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अधिक हुआ है। बिहार में कच्चे माल के कारण सुती वस्त्र उद्योग का विकास नहीं हुआ है लेकिन सस्ते मजदूर तथा बाजार की उपलब्धा के कारण वस्‍त्र उद्योग विकसित हो गया। मोकामा, मुंगेर और भागलपुर में यह उद्योग विकसित हुआ है। इन उद्योगों के लिए सूत कानपुर एवं अहमदाबाद से मगाया जाता है। बिहार राज्य में ऊनी वस्त्रों का निर्माण भेड़ों से प्राप्त ऊन के द्वारा मुजफ्फरपुर एवं पटना जिलों में होता है। ऊनी वस्त्रों में मुख्यतः कम्बल का निर्माण होता है।

प्रश्न 3. बिहार में प्रमुख सड़क मार्गों के विस्तार एवं विकास पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- वर्तमान सड़कों की कुल लम्बाई 81680 किमी है। वर्तमान सड़क मार्ग को प्रशासनिक एवं कार्यक्रम की दृष्टि से पाँच वर्गों में रखा गया है।

राष्ट्रीय उच्च मार्ग बिहार को अन्य राज्यों एवं क्षेत्रों से जोड़ता है। बिहार में सबसे प्रमुख राष्ट्रीय उच्च मार्ग संख्या दो है। यह ग्राण्ड ट्रंड रोड के नाम से प्रसिद्ध है। इसका निर्माण मुगल काल में शेरशाह द्वारा हुआ था। बिहार राष्ट्रीय उच्च मार्गों की कुल लम्बाई 373400 किलो मीटर है।

उत्तर प्रदेश की सीमा तक जाने वाली ग्राण्ड ट्रंक रोड के बाद दूसरी सड़क गोपालगंज-पिपरा-कोठी-मुजफ्फरपुर-बरौनी उच्चपथ संख्या 28 है।

प्रश्न 4. बिहार के रेल अथवा जलमार्ग के सम्बध में विस्तार से चर्चा कीजिए।

उत्तर- बिहार में रेलमार्ग का विकास ब्रिटिशकाल में सर्वप्रथम 1860 में हुआ था।

2001 तक इस राज्य में रेल लाइन की कुल लम्बाई 6,283 किमी हो गई और हाजीपुर में 2002 में पूर्व-मध्य रेलवे का मुख्यालय हो गया।

वर्तमान समय में बिहार के रेलमार्ग का नक्शा बदल चूका है। यहाँ से अब एक्सप्रेस एवं सवारी गाड़ीयाँ गुजरती है। सभी राज्य की राजधानीयों या मुख्य नगरों के लिए पटना से रेलगाड़ी रवाना होती है।

राज्य के भीतरी भागों में सवारी, एक्सप्रेस, शटल इ.एम.यू. तथा डी. एम. यू. गाड़ीयाँ दौडती हैं। बड़े एवं प्रसिद्ध नगरों के लिए इन्टर सिटी गाड़ीयाँ दौड़ाई जा रही है।

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