इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 12 हिन्दी के गद्य भाग के पाठ आठ ‘सिपाही की माँ (Sipahi Ki Maa Class 12th Hindi Solution Notes)’ को पढ़ेंगे।
8. सिपाही की माँ
लेखक- मोहन राकेश
लेखक परिचय
जन्म- 8 जनवरी 1925
मृत्यु- 3 दिसंबर 1972
जन्म स्थान- जंडीवाली गली, अमृतसर, पंजाब
बचपन का नाम- मदन मोहन गुगलानी।
माता-पिता : बच्चन कौर और करमचंद गुगलानी।
शिक्षा- एम.ए. (संस्कृत) लाहौर। ओरिएंटल कॉलेज, जालंधर से एम.ए. (हिंदी)
वृति- दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन।
कृतियाँ- इंसान के खंडहर, नए बादल, जानवर और जानवर, एक और जिंदगी, फौलाद का आकाश, वारिस, आसाढ़ का एक दिन, न आनेवाला
कल।
Sipahi Ki Maa Class 12th Hindi Solution Notes
पाठ का सारांश
‘सिपाही की माँ’ एकांकी जिसे मोहन राकेश द्वारा लिखा गया है, ‘अंडे के छिलके तथा अन्य एकांकी’ से ली गई है। इस एकांकी में एक माँ (नाम-बिशनी) अपनी एकमात्र बेटी (नाम-मुन्नी) की शादी के लिए पैसे के लिए परेशान हैं। उनके एकमात्र बेटे (नाम-मानक) विवाह के लिए और अपनी माँ के सपनों को पूरा करने के लिए सेना में शामिल होता है। वह भी युद्ध में मरने का भय रखता है। मोहन राकेश ने इस मार्मिक रचना में निम्न मध्यम वर्गीय परिवार की एक ऐसी माँ-बेटी की कहानी पेश की है, जिनके घर का इकलौता लड़का सिपाही के रूप में द्वितीय विश्व युद्ध में बर्मा में लड़ता है। वह अपनी माँ का इकलौता बेटा और विवाह के लिए तैयार अपनी बहन का इकलौता भाई होता है। उसी पर घर की पूरी आशा टिकी हुई होती है।
वह लड़ाई के मोर्चे से कमाकर लौटे तो बहन के हाथ पीले हो सकते हैं, अर्थात बहन की शादी हो सकती है।
माँ एक देहाती भोली स्त्री है, वह यह भी नहीं जानती कि बर्मा उसके गाँव से कितनी दूर है और लड़ाई कैसी और किससे किसलिए हो रही है। उसका अंजाम ऐसा भी हो सकता है कि सब कुछ खत्म हो जाए। ऐसा वह सोच भी नहीं सकती। लेकिन माँ को अपने बेटे के चिट्ठी का इंतजार दिन-रात रहता है। लेकिन माँ को बेटे का चिट्ठी भी प्राप्त नहीं होता है।
सपने में बिशनी को मानक देखाई देता है। वह उससे बातचीत करती है। वह बुरी तरह घायल है और बताता है कि दुश्मन उसके पीछे लगा है। बिशनी उसे लेटने को कहती है पर वह पानी मांगता है। तभी वहाँ एक सिपाही आता है और वह उसे मरा हुआ बताता है। यह सुनकर बिशनी सहम जाती है लेकिन तभी मानक कहता है कि मैं मरा नहीं हूँ।
वह सिपाही मानक को मारने की बात कहता है लेकिन बिशनी कहती है कि मैं इसकी माँ हूँ। और मैं उसे मरने नहीं दूंगी। सिपाही मानक को वहशी और खूनी बताता है। लेकिन बिशनी उसकी बात को नकार देती है। वह कहती है कि यह बुरी तरह से घायल है और इसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। इसलिए तुम उसे मारने का विचार त्याग दो। सिपाही जवाब में कहता है कि अगर मैं उसे नहीं मारूंगा तो वह मुझे मार डालेगा। बिशनी उसे विश्वास दिलाती है कि वह तुम्हें नहीं मारेगा। तभी मानक खड़ा होता है और उस सिपाही को मारने की बात कहता है। बिशनी उसे समझाने की कोशिश करती है लेकिन वह नहीं मानता है और उसकी बोटी-बोटी करने की बात करता है। यह सुनते ही बिशनी चिल्लाकर बैठ जाती है।
वह जोर-जोर से “मानक! मानक!” कहती है। उसकी आवाज सुनकर मुन्नी आती है। माँ की स्थिति देखकर वह कहती है कि तुम रोज भाई के सपने देखती हो जबकि मैंने तुमसे कहा था कि भाई जल्दी आएंगे। फिर वह अपनी माँ को गले लगाती है। बिशनी उसके माथे पर चुमकर सो जाने को कहती है और मन हीं मन कुछ गुनगुनाने लगती है। Sipahi Ki Maa Class 12th Hindi Solution Notes
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